केंद्रीय भूजल बोर्ड और रिमोट सेंसिंग के भारतीय संस्थान (आईआईआरएस) उत्तरी भारत में भूमि घटाव पर भूजल के प्रभाव का आकलन करने के लिए 9 जुलाई 2014 को एक सामूहिक अध्ययन की सुविधा के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये.
इस अध्ययन में आधुनिक तकनीक जैसे की भूमि के घटते स्तर को देखते हुए अंतरिक्ष जनित भू-गणितीय टिप्पणियाँ, प्रिडिक्टिव मॉडेलिंग, भूमि के घटाव का आंकलन, अंतर तुलना, भूजल की कमी और स्पेस संबंधी ग्रॅविटी अनॉमली के बारे में जानकारी दी गयी है.
इस परियोजना के परिणाम में उत्तरी भारत के चुनिंदा शहरों और पुनर्भरण के आकलन के साथ साथ क्षेत्रीय भूजल कमी के लिए भूमि घटाव की जानकारी शामिल है.
केंद्रीय भूजल बोर्ड के बारे में
केंद्रीय भूजल बोर्ड जल संसाधन मंत्रालय के वैज्ञानिक संगठनों में से एक है. इस संगठन की जिम्मेदारी भारत में भूजल संसाधनों से संबंधित सभी मामलों पर मंत्रालय को सलाह देना है.
रिमोट सेंसिंग के भारतीय संस्थान के बारे में
आईआईआरएस पूर्व भारतीय फोटो व्याख्या संस्थान (आईपीआई) के रूप में जाना जाता था.
यह भू सूचना विज्ञान के ट्वेनटे विश्वविद्यालय और नीदरलैंड की सरकार के सहयोग से वर्ष 1966 में स्थापित किया गया था.
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