केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थान विधेयक, 2011 (Higher Educational Institutions Bill, 2011) को मंजूरी प्रदान की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय 16 नवंबर 2011 को लिया गया.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तकनीकी शिक्षा संस्थान, चिकित्सा शिक्षा संस्थान एवं विश्वविद्यालय में अनाचरण प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक, 2010 (Prohibition of Unfair Practices in Technical Educational Institutions, Medical Educational Institutions and Universities Bill, 2010) में संशोधन कर इसका नाम उच्च शिक्षा संस्थान विधेयक, 2011 रखा. मानव संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2010 के विधेयक में संसोधन हेतु सिफारिश की गई थी.
उच्च शिक्षा संस्थान विधेयक, 2011 (Higher Educational Institutions Bill, 2011) में संस्था के नाम पर दान लेने या कैपिटेशन फीस लेने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. साथ ही विधेयक के अनुसार शिक्षण संस्थानों को शिक्षकों की भर्ती के लिए भी केंद्र के मानकों का पालन करना आवश्यक है.
ज्ञातव्य हो कि तकनीकी शिक्षा संस्थान, चिकित्सा शिक्षा संस्थान एवं विश्वविद्यालय में अनाचरण प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक, 2010 को मई 2010 में लोकसभा में पेश किया गया था. उसके बाद विधेयक को मानव संसाधन विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति को भेजा गया था. समिति द्वारा 30 मई 2011 को सौंपी गई सिफारिशों के आधार पर विधेयक में संशोधन व सुधार किए गए.
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