भारत में कारोबार करना सुगम बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को 29 अप्रैल 2015 को मंजूरी दी. जिससे एक कंपनी को कारोबार शुरू करने से पहले अनिवार्य रुप से एक ब्योरा प्रस्तुत करने से मुक्ति मिल जाएगी.
इसके अलावा कंपनी कानून के विभिन्न प्रावधानों से छूट देने के उद्देश्य से जारी किए जाने वाले अधिसूचना के मसौदों के लिए मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने को भी मंजूरी दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद यह दूसरी बार है जब कंपनी कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया हैं.
प्रस्तावित संशोधन, कंपनी (संशोधन) विधेयक- 2014 में शामिल किए जाएंगे. इन संशोधनों में 'कंपनी द्वारा कारोबार शुरु करने या उधार लेने के अधिकारों का उपयोग करने से पहले एक ब्योरा दाखिल करने की अनिवार्यता खत्म करने का प्रस्ताव भी शामिल है. इसके अलावा इन प्रस्तावों से, 'विभिन्न श्रेणी की कंपनियों को छूट देने वाली अधिसूचनाओं या कानून के प्रावधानों में संशोधन के मसौदे तय करने की प्रक्रिया तर्कसंगत होगी और अंतिम अधिसूचना जारी करने में शीघ्रता सुनिश्चित हो सकेगी.
केंद्रीय कंपनी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 'इन आधिकारिक संशोधनों से कारोबार करने में सुगमता से जुड़े मुद्दे हल होंगे और कंपनियों के एक वर्ग के लिए कानून के विशेष प्रावधानों से छूट आदि उपलब्ध कराने के लिए अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी के लिए प्रक्रिया में तेजी सुनिश्चित होगी.'
विदित हो कि केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि, सुगमता पूर्वक कारोबार करने के मामले में भारत की स्थिति सुधरे और देश शीर्ष 50 में शामिल हो. वर्तमान समय में देश 142वें स्थान पर है.
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