केन्द्र ने सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में चलाए जाने वाली एकीकृत कार्य योजना को 4 वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय 30 मई 2013 को किया. इसके लिए 10 अरब रूपए प्रति वर्ष आवंटित किए जाने हैं. नए प्रावधान के अनुसार एकीकृत कार्य योजना में 82 जिलों में से प्रत्येक को 5 करोड़ रूपए प्रति वर्ष प्राप्त होने हैं. इस योजना के अन्तर्गत 9 राज्य आन्ध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल शामिल हैं.
एकीकृत कार्य योजना (Integrated Action Plan)
आईएपी भारतीय योजना आयोग की सीधी देखरेख में कार्यान्वित है. नवंबर 2010 में आईएपी को 100 प्रतिशत अनुदान आधार पर अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता योजना के रूप में शुरु किया गया था.
विदित हो कि छत्तीसगढ में 30 मई 2013 को हुई सर्वदलीय बैठक में केन्द्र सरकार से नक्सली समस्या के प्रभावी ढंग से निपटने की अपील करते हुए सभी राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और व्यापक कार्ययोजना बनाने का अनुरोध किया. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में माओवादी विरोधी रणनीति का फिर से निर्धारण करने हेतु सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
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