केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग (डॉट) से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) में शामिल हुए 43000 कर्मचारियों के लिए पेंशन के प्रस्ताव को 26 दिसंबर 2013 को मंजूरी प्रदान की. इस प्रस्ताव से वार्षिक तौर पर करीब 500 करोड़ रुपये अनुमानित आवर्ती खर्च होगा.
इस फैसले से एमटीएनएल के खातों में 1500 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) की अतिरिक्त राशि आएगी. यह राशि एमटीएनएल को सरकार की ओर से रिफंड के रूप में मिलेगी, जो पीएसयू ने कर्मचारियों को पेंशन के रूप में दिए हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमटीएनएल में समाहित किए गए पूर्ववर्ती सभी श्रेणी के कर्मचारियों तथा सम्मिलित सेवा का चयन करने वाले कर्मचारियों को पेंशन के भुगतान की मंजूरी दे दी.
पेंशन लाभ के मामले में इन दोनों वर्ग के कर्मचारियों के साथ वही व्यवहार किया जाएगा, जो बीएसएनएल में शामिल किए गए कर्मचारियों को मिलता है. इसका मतलब यह है कि उन्हें न केवल दूरसंचार विभाग में सेवा काल के लिए बल्कि एमटीएनएल में बिताई गई शेष अवधि के लिए भी यह लाभ मिलेगा.
इस तरह के कर्मचारियों की संख्या करीब 43000 है. इसमें से 16000 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वहीं 27000 मौजूदा समय में कंपनी में कार्यरत हैं.
एमटीएनएल में वेतनमान बीएसएनएल की तुलना में कुछ अधिक है पर सरकार एमटीएनएल के कर्मचारियों की पेंशन की उतनी ही लागत बीएसएनएल के बराबार ही उठाएगी. नया वेतनमान आने तक पेंशन लागत का अंतर एमटीएनएल को उठाना होगा. वेतनमान संशोधन के बाद दोनों सार्वजनिक उपक्रमों में वेतन समान हो जाएगा.
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