केरल सरकार ने कोवलम समुद्र तट के पास विजहिनजाम डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट विकसित करने के लिए अदानी समूह के अडानी विजहिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ 7525 करोड़ रुपए के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
केरल के प्रमुख सचिव (बंदरगाह) जेम्स वर्गीज और अदानी विजहिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष कुमार महापात्रा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना का प्रस्ताव केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरन द्वारा 25 वर्ष पहले वर्ष 1991 में शुरू किया गया था, लेकिन यह परियोजना पूरी तरह सफल नहीं रही.
विजहिनजाम बंदरगाह की विशेषताएं
- विजहिनजाम को दुनिया का सबसे बड़ा ट्रांसशिपमेंट कंटेनर टर्मिनल बनाए जाने की योजना है.
- इस परियोजना के नवंबर 2015 से शुरू होने की संभावाना है और 1000 दिन से कम समय में विजहिनजाम पोर्ट को शुरू करने का अनुमान है.
- कुल लागत में से 4089 करोड़ रुपए पीपीपी घटक होगा और 1463 करोड़ रुपए से वित्त पोषित काम व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
- यह समझौता अडानी पोर्ट्स को विजहिनजाम पोर्ट को 4 वर्ष में विकसित करने और इसे 40 वर्ष तक संचालित करने का अधिकार देता है. इस पोर्ट की अनुमानित लागत 40.89 अरब रुपए है.
विजहिनजाम बंदरगाह परियोजना के बारे में
विजहिनजाम बंदरगाह परियोजना केरल सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह परियोजना तिरुवनंतपुरम में कोवलम समुद्र तट के पास विजहिनजाम डीपवाटर मल्टीगपर्पज सीपोर्ट विकसित करने के उद्देश्य से 25 वर्ष पहले वर्ष 1991 में शुरू की गई थी.
यह बंदरगाह भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है, जो अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से सिर्फ 10 नॉटिकल मील की दूरी पर है. विजहिनजाम बंदरगाह अपने स्थान के कारण एक रणनीतिक महत्व रखता है. यह परियोजना भारतीय प्रायद्वीप की दक्षिणी सिरे पर स्थित है, जो भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट रेखा पर कार्टर कार्गो सेवा को अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है.
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