कोयला आवंटन घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 जून 2013 को कांग्रेस सांसद एवं उद्योगपति नवीन जिंदल एवं पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. दोनो सांसदों पर झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल में कोयले के आवंटन प्राप्त करने के लिए तत्थ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत करने, पिछले आवंटनों को छिपाने, धोखाधड़ी एवं जालसाजी के आरोप लगाये गए.
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि जिंदल स्टीस एण्ड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) एवं गगन स्पंज आयरन ने 2008 में कोयले की खदानों को प्राप्त करने के लिए अपनी सम्पत्तियों सम्बन्धित सूचनाओं को गलत ढंग से पेश किया एवं कई आवश्यक सूचनाओं को छिपाया.
सीबीआई ने पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की. वे 2004 से 2006 के बीच एवं 2006-2008 के बीच कोयला राज्य मंत्री थे. दसारी नारायण राव पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कोयला आवंटन करने वाली समिति के निर्णयों को प्रभावित किया था तथा उनकी कंपनी सौभाग्य मीडिया में जिंदल ग्रुप की ओर से 2.25 करोड़ का निवेश किया गया था.
कोयला घोटाला
देश के विभिन्न राज्यों में कोयले की खदानों के आवंटन को लेकर पाई गई अनियमितताओं को मार्च 2012 को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक (सीएजी) के रिपोर्ट में उजागर किया गया था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच विभिन्न कोयले की खदानों के आवंटन अपर्याप्त मानकों के आधार पर किये गए. सीएजी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इन अनियमितताओं के चलते भारत सरकार को हुए नुकसान की राशि को 185591 करोड़ रूपये दर्शाया. इन आवंटनों के लाभार्थियों में जिंदल समूह भी एक है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation