पाकिस्तान में गत 14 वर्षों में सबसे अधिक पोलियो के मामले दर्ज किए गए. इसकी जानकारी 3 अक्टूबर 2014 को पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा जारी पोलियो मामलों के आंकड़ों से हुई.
आंकडों से पता चलता है कि वर्ष 2014 में पोलियो के मामलों की संख्या 202 पहुंच गई जो कि पिछले 14 वर्षों (2000-14) में सबसे अधिक है. इससे पहले वर्ष 2000 में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए थे. उस समय पोलियो के मामलों की संख्या 199 तक पहुंच गई थी.
वर्ष 2014 में पोलियो के मामलों की संख्या बढ़ने की सबसे प्रमुख वजहों में से एक है टीकाकरण टीमों पर होने वाले हमलों में बढ़ोत्तरी.
टीकाकरण टीम पर उग्रवादियों का हमला
सबसे अधिक मामले उत्तर– पश्चिम के आदिवासी इलाकों में दर्ज किए गए जहां उग्रवादियों ने स्वास्थ्य टीमों को निशाना बनाया. उग्रवादियों ने डॉक्टरों पर जासूस होने का आरोप लगाया और कहा कि टीकाकरण मुस्लिमों को बांझ बनाने की पाश्चात्य साजिश का हिस्सा है. तालिबानी आतंकवादियों ने दिसंबर 2012 से पोलियो टीम को लक्षित करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा टीमों को सुरक्षा मुहैया कराने वाली पुलिस समेत करीब 60 लोगों को मार डाला है.
कार्यक्रमों पर संदेह तब और बढ़ गया जब अमेरिका पर 2011 में अल– कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के दौरान फर्जी टीकाकरण कार्यक्रम का प्रयोग करने का आरोप लगा. अफगानिस्तान और नाइजीरिया के अलावा पाकिस्तान उन तीन देशों में से है जहां पोलियो अभी भी मौजूद है. अंतरराष्ट्रीय समुदायों द्वारा टीकाकरण कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर निवेश के बावजूद यह देश पोलियो से निजात पाने में विफल रहा है.
वर्ष 2014 के शुरुआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यात्रा पर प्रतिबंध लगाया दिया था, जिसका अर्थ यह था कि अब हर पाकिस्तानी नागरिक को विदेश की यात्रा से पहले अपने टीकाकरण का सबूत साथ रखना होगा.
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