18 नवंबर 2015 को केंद्रीय कैबिनेट ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (इब्सा – आईबीएसए) के बीच गरीबी और भूख उन्मूलन हेतु इब्सा कोष पर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी.
यह फैसला इब्सा कोष को मजबूत बनाने में मदद करेगा जो दक्षिण–दक्षिण सहयोग के संदर्भ में अद्वितीय माध्यम है.
इब्सा कोष
- ये देश इब्सा कोष में प्रति वर्ष 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देंगे, 26.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल कार्यान्वित/ अनुमोदित परियोजनाओं की प्रतिबद्धता के साथ जनवरी 2015 तक इस कोष में 28.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर जमा हो चुका है.
- बाकी के 2.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रोग्रामिंग के लिए बचे हैं.
- भारत इस कोष में अब तक 9.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दे चुका है.
- इब्सा कोष विकास परियोजनाएं चलाता है. इब्सा कोष द्वारा वित्त पोषित पहली परियोजना कृषि और पशुधन विकास के समर्थन के लिए थी .
- दिसंबर 2006 में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र दिवस समारोह में दक्षिण– दक्षिण भागीदारी पुरस्कार से इसे सम्मानित किया गया था.
पृष्ठभूमि
गरीबी और मूखमरी के उन्मूलन हेतु इब्सा कोष का गठन ईब्सा वार्ता मंच के तहत सहयोग के तीन स्तंभों में से एक के रूप में 2004 में किया गया था. अन्य दो स्तंभ हैं– वैश्विक राजनीतिक मामलों पर परामर्श एवं सहयोग और ठोस क्षेत्रों एवं परियोजनाओं में त्रिपक्षीय सहयोग.
इब्सा वार्ता मंच की शुरुआत जून 2003 में दक्षिण के तीन जीवंत लोकतंत्रों– भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग हेतु किया गया था. ये तीनों ही बहुलवादी, बहु– सांस्कृतिक, बहु–जातीय, बहु– भाषी और बहु– धार्मिक समाज वाले विकासशील देश हैं.
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