गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदर्श गांव की अवधारणा (आदर्श ग्राम योजना) की तर्ज पर एमएलए आदर्श ग्राम योजना का 23 नवंबर 2014 को आरंभ किया. एमएलए आदर्श ग्राम योजना के तहत अहमदाबाद जिले के दासकरोई तालुका के लीलापुर गांव को आदर्श गांव के रूप में अपनाया गया.
अन्य चीजों के साथ एमएलए आदर्श ग्राम योजना सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं तक ही सीमित नहीं हैं. इसका लक्ष्य सभी आदर्श गांवों में उचित शिक्षा व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है. राज्य के 182 एमएलए को अपने निर्वाचन क्षेत्र में से एक गांव को अपनाने और उसके विकास हेतु काम करने को कहा गया. पटेल ने सरकारी अधिकारियों को जनता के साथ मिलकर काम करने का आदेश दिया है और गांव में सबसे जरूरी विकास कार्यों के निष्पादन की जिम्मेदारी भी सौंपी.
इसके अलावा, प्रशासन समय–समय पर गांव के बुजुर्गों के साथ बैठक आयोजित करेगा ताकि विकास परियोजनाओं के हिस्से के रूप में भौतिक सुविधआएं उपलब्ध कराई जा सकें. स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रत्येक गांव वासी को स्वेच्छा से सफाई का काम करने के लिए कहा गया. प्रत्येक गली, प्रत्येक नाले और गांव की हर एक जगह, प्रत्येक घर एवं स्कूल के शौचालयों की सफाई को शीर्ष प्राथमिकता दी गई.
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