पौलैंड और तीन बाल्टिक स्टेट लिथुआनिया, लातविया औऱ एस्टोनिया ने 15 अक्टूबर 2015 को ब्रूसेल्स, बेल्जियम में जीआईपीएल (गैस इंटरकनेक्टर पोलैंड– लिथुआनिया) के समझौता पर हस्ताक्षर किए.
समझौते के तहत पोलैंड और लिथुआनिया के बीच पहली गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा. इस प्रकार बाल्टिक सागर क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे अलगाव का समापन होगा.
समझौते पर तीन देशों के प्रतिनिधियों ने जीं क्लाड जंकर ( यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष), एवा कोपैक्ज (पोलैंड के प्रधानमंत्री), डालिया ग्रेबायुस्केएत (लिथुआनिया के राष्ट्रपति), लैमडोटा स्ट्रॉजुमा (लातविया के राष्ट्रपति), और तावी रोईवास (एस्टोनिया के प्रधानमंत्री) की उपस्थिति में यूरोपीय संघ के मुख्यालय में हस्ताक्षर किए गए.
गैस इंटरकनेक्टर पोलैंड– लिथुआनिया की विशेषताएं
यह पूर्वी बाल्टिक सागर क्षेत्र और यूरोप के बीच पहला गैस इंटरकनेक्टर है.
इसकी कुल लंबाई 534 किमी की होगी जिसमें 357 किमी पोलैंड और 177 किमी लिथुआनिया में होगा.
यह बाल्टिक सागर क्षेत्र के गैस प्रणालियों को आंतिरक ईयू गैस बाजारों से जोड़ेगा.
इस परियोजना को यूरोपीय आयोग ने बाल्टिक ऊर्जा बाजार इंटरकनेक्शन योजना पहल (बीईएमआईपी) की रूपरेखा के तहत सुविधा प्रदान की थी.
इसका निर्माण 558 मिलियन यूरो की लागत से दिसंबर 2019 तक कर लिया जाएगा.
विस्तार के बाद वैकल्पिक मार्गों से गैस आपूर्ति की सुरक्षा को बढ़ाकर यह फिनलैंड के तीन बाल्टिक देशों में सामाजिक– आर्थिक लाभ पहुंचाएगा.
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