चीनी अभिभावक एक जनवरी के बाद से दो बच्चे पैदा कर सकेंगे.
चीन की संसद में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने 27 दिसंबर 2015 को क़ानून में उस बदलाव को मंज़ूरी दे दी, जिसके तहत चीन में सिर्फ एक बच्चा पैदा करने की अनुमति दी. 1 जनवरी 2016 के बाद से प्रत्येक चीनी दंपति दो बच्चे पैदा कर सकेंगे.
इस साल के अक्तूबर में सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने 29 अक्टूबर 2015 इन बदलावों की घोषणा की.
चीन ने क्यों किया नीति में संशोधन?
- संशोधित नीति का उद्देश्य देश की आबादी की संरचना के बीच संतुलन साधना है.
- चीन ने सिर्फ एक बच्चा पैदा करने की नीति 1970 के दशक में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए लागू की थी. जन्म दर को स्थिर करने के लिए 2002 में इसका संज्ञान लिया गया.
- इस नीति की चीन में आलोचना भी हुई, इससे मुख्य रूप से सामाजिक समस्याएं जैसे श्रम शक्ति का कम होना और चीन की आबादी में उम्र दराजों की संख्या अधिक होने लगी.
- वर्तमान में चीन में कुल आबादी का 15 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की है और श्रम शक्ति कामगारो की जनसंख्या में कमी होना शुरू हो गयी है.
- इस नीति से 400 मिलियन बच्चों के जन्म को रोकने का अनुमान है, इस नीति का लक्ष्य संसाधनों और पर्यावरण पर दबाव को कम करना था.
- संसद ने घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ देश के सबसे पहले क़ानून को भी मंजूरी दे दी.
- नया क़ानून औपचारिक रूप से परिवार के सदस्यों द्वारा दी गई शारीरिक, मानसिक और दूसरी क्षति को अपराध मानता है.
- साइबरस्पेस में सुरक्षा ख़तरों से निबटने के लिए भी नया क़ानून लाया गया है.
- इसी के साथ चीनी संसद ने देश के पहले चरमपंथरोधी क़ानून को भी मंज़ूरी दी. जिसके तहत अब कंपनियां संवेदनशील जानकारी जैसे एन्क्रिप्शन कुंजियां भी सरकार के साथ साझा कर सकेंगी. यह क़ानून एक जनवरी से लागू हो जाएगा.
- चीनी अधिकारियों का कहना है कि चरमपंथी तेज़ी से साइबर स्पेस का रुख़ कर रहे हैं और इसलिए नए प्रावधानों की ज़रूरत है.
चीन को लाभ
- एक अनुमान के अनुसार चीन में 140 मिलियन महिलाएं हैं जिनके पास पहले से ही एक बच्चा है.
- नए कानून के लागू होने के बाद उनमें से लगभग 90 लाख दूसरे बच्चे को जन्म दे सकती हैं. इसके अलावा 2029 में चीन की कुल आबादी 1.45 अरब के आसपास होने का अनुमान है.
- योजना के मुताबिक 2050 तक श्रम शक्ति में 30 लाख से अधिक से लोगों के जुड़ने की उम्मीद है.
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