चेक गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति और नाटककार वात्स्लाफ हैवेल का चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में 18 दिसंबर 2011 को निधन हो गया. 75 वर्ष के वात्स्लाफ हैवेल को फेफड़े का कैंसर था. वात्स्लाफ हैवेल को चेकोस्लोवाकिया में साम्यवादी शासन के खिलाफ चले वेलवेट क्रांति (velvet revolution, मखमली क्रांति) का सूत्रधार माना जाता है.
वात्स्लाफ हैवेल (Václav Havel) चेकोस्लोवाकिया के अंतिम राष्ट्रपति (1989–92) बने थे. इसके बाद वर्ष 1993 में चेकोस्लोवाकिया का दो अलग राष्ट्रों चेक गणराज्य और स्लोवाकिया में विभाजन हो गया था. वात्स्लाफ हैवेल चेक गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति (1993 से 1998 और 1998 से 2003) बने थे. उनका राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव निर्वाचन की प्रक्रिया से हुआ था. वात्स्लाफ हैवेल अपने निधन के समय अमेरिका के न्यूयार्क स्थित मानव अधिकार फाउन्डेशन के अध्यक्ष थे.
वात्स्लाफ हैवेल का जन्म 5 अक्टूबर 1936 को हुआ था. वेलवेट क्रांति के दिनों का उनका नारा - सच और प्यार झूठ और घृणा को पराजित कर देगा (Truth and love must prevail over lies and hatred) चेक गणराज्य के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है.
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