छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए 37573.61 करोड़ का बजट अनुमान विधान सभा में 17 मार्च 2012को प्रस्तुत किया. 12वी पंचवर्षीय योजना अवधि का प्रथम बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि इस बजट का उद्देश्य तीव्र, सतत एवं अधिक समावेशी विकास है.
इस बजट के साथ पहली बार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित प्रावधानों के लिए अलग से कृषि बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने इसे राज्य के कृषकों को समर्पित किया. कृषि क्षेत्र के लिए कुल 6244 करोड़ रुपए का प्रावधान है जो कुल बजट का 17 प्रतिशत है. इसमें सिंचाई के लिए 1848 करोड़, समर्थन मूल्य पर खाद्य उपार्जन के लिए 1452 करोड़ तथा कृषि एवं उद्यानिकी के लिए 1472 करोड़ का प्रावधान शामिल है.
राज्य के कर राजस्व में 16 प्रतिशत तथा करेत्तर राजस्व में 18 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित करते हुए 2959.26 करोड़ के राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत किया गया. जिसका उपयोग बजट में सम्मिलित पूंजीगत मदों के लिए किया जाएगा. वर्ष 2011-12 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में इस बजट में प्रावधानित कुल व्यय 15 प्रतिशत अधिक है.
वर्ष 2012-13 के लिए शुद्ध बजटीय घाटा 401 करोड़ है एवं पूर्व वर्षों के संचित घाटा को शामिल करते हुए वर्ष 2012-13 के लिए बजट घाटा 2432 करोड़ है. बजट में सकल वित्तीय घाटा (ऋण प्राप्ति को छोड़कर राज्य की सकल आय एवं सकल व्यय का अंतर) 4623 करोड़ अनुमानित किया गया, जो कि राज्य की सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत है. यह वित्तीय घाटा छत्तीसगढ़ राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है.
कुल व्यय में से आयोजना व्यय (Plan Expenditure 21931.19 करोड़ है, जो कि चालू वर्ष के आयोजना व्यय की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है एवं कुल व्यय का 58 प्रतिशत है. आयोजना व्यय में सामान्य आयोजना के लिए 55 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 34 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना हेतु 11 प्रतिशत प्रावधान है.
सामाजिक क्षेत्र के लिए सर्वाधिक प्रावधान (15187.37 करोड़) किया गया है, जो कि कुल व्यय का 41 प्रतिशत है एवं गत वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है.
आर्थिक क्षेत्र के लिए 14,226 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि कुल व्यय का 39 प्रतिशत है एवं वित्तवर्ष 2011-12 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है.
बजट में पूंजीगत व्यय (capital expenditure) मद में 7189.89 करोड़ रुपए का प्रावधान है, जो कि वित्तवर्ष 2011-12 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है एवं कुल व्यय का 19 प्रतिशत है. इस मद में सड़क, पुल एवं भवन निर्माण में 3186 करोड़ एवं सिंचाई परियोजनाओं हेतु 2315 करोड़ का प्रावधान प्रमुख है.
राज्य में पहली बार कृषि एवं इससे संबद्ध सभी क्षेत्रों की योजनाओं को एक साथ कृषि बजट के रूप में प्रस्तुत किया गया है जिसके मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:-
• अल्पकालिक कृषि ऋण पर ब्याज दर 3 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का निर्णय. जो राज्य के सभी सहकारी बैंकों तथा ग्रामीण बैंकों द्वारा वितरित किए जाने वाले ऋण पर लागू होगा.
• वन भूमि अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 के अंतर्गत अधिकार पत्र प्राप्त शेष 1 लाख हितग्राहियों को नि:शुल्क धान बीज एवं उवर्रक की मिनी किट वितरित करने के लिए 12.4 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना हेतु राज्य सरकार के अंशदान को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की योजना
• वर्ष 2011-12 में उपार्जित धान पर 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस का प्रवाधान
• 21000 पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु प्रति पम्प कनेक्शन अनुदान 50000 से बढ़ाकर 75000 करने हेतु 150 करोड़ रुपए का अनुदान.
• 3 से 5 हार्स पावर तक के पम्पों के लिए नि:शुल्क बिजली की सीमा में वृद्धि कर 6000 यूनिट से 7500 यूनिट करने का निर्णय. फिक्स्ड चार्जेस एवं मीटर किराए में छूट.
• आर्थिक रूप से कमजोर कृषकों को किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने हेतु 50 कृषि सेवा केन्द्र की स्थापना.
• बीज उत्पादन एवं वितरण अनुदान 300 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए प्रति क्विंटल.
• राज्य पोषित सूक्ष्म सिंचाई योजना हेतु 25 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• पशुपालकों में उद्यमिता विकास प्रोत्साहन हेतु डेयरी, बकरी एवं मुर्गी पालन के लिए सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को 33 प्रतिशत अनुदान देने हेतु 11.6 करोड़ रुपए का प्रावधान.
बजट की अन्य विशेषताएं
• स्कूल शिक्षा विभाग के 200 स्कूल एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के 100 हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया जाएगा.
• हाई स्कूल की छात्राओं के साथ-साथ छात्रों को भी नि:शुल्क पाठय पुस्तक प्रदान करने का निर्णय
• अनुसूचित जाति/जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा के विकास के लिए 56 छात्रावास तथा 29 आश्रम शालाएं खोले जायेगें एवं 60 छात्रावासों में 1840 सीट की वृद्धि की योजना.
• उच्च शिक्षा के विस्तार हेतु राजनांदगांव में आईआईआईटी, बलौदाबाजार में पॉलीटेक्निक, बिलासपुर में आयुर्वेदिक महाविद्यालय तथा 7 आईआईटी एवं 9 नवीन महाविद्यालयों की स्थापना.
• 2 लाख तक आय वर्ग के पालकों के बच्चों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर उच्च शिक्षा ऋण उपलब्ध कराना.
• राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से छूटे हुए राज्य के शेष परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना लाभ प्रदाय करने के लिए प्रारंभ की जा रही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से राज्य के समस्त परिवार नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा लाभ के पात्र.
• बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार हेतु 50 उप स्वास्थ्य केंद्र 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा नए जिलों में जिला चिकित्सालय खोलने का निर्णय.
• शहरी मलिन बस्तियों के निवासियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा.
• राज्य के वनाच्छादित क्षेत्रों में मलेरिया के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए 5 लाख कीटनाशक उपचारित मच्छरदानियां वितरित करने के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
• बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए सहभागिता के आधार पर नवा जतन योजना प्रारंभ करने की योजना.
• 1133 आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 51 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया.
• खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत बस्तर संभाग में लागू की गई चना वितरण योजना सरगुजा संभाग में भी लागू की जाएगी. इसके लिए 40 करोड़ का प्रावधान है.
• राशन दुकानों में खाद्यान्न के भंडारण हेतु 350 दुकान सह-गोदाम निर्मित करने के लिए 33 रुपए करोड़ का प्रावधान.
• नगरीय क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना प्रारंभ की जाएगी.
• राज्य के हस्तशिल्प कलाओं के संवर्धन के लिए माटीबोर्ड, हस्तशिल्प सिटी, ग्रामीण हस्तशिल्प डिजाईन विकास संस्थान तथा कंबल प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जाएगा.
• त्वरित यातायात व्यवस्था के अंतर्गत रायपुर से राजनांदगांव तक मेट्रो रेल के सर्वेक्षण कार्य हेतु 1 करोड़रुपए का प्रावधान.
• नया रायपुर में जंगल सफारी के संचालन हेतु50 लाख का प्रावधान किया गया है.
• राज्य के कर्मचारियों को वर्ष 2012-13 में केंद्रीय कर्मचारियों के समान दर से महंगाई भत्ता देने तथा संविदा कर्मचारियों के वेतन में समुचित वृद्धि करने का निर्णय.
करों में रियायत
• शक्तिचलित थरहा लगाने की मशीन (ट्रांसप्लांटर) पर प्रचलित वेट की दर 5 प्रतिशत को समाप्त कर इसे करमुक्त श्रेणी में शामिल करने का निर्णय.
• थैलीसीमिया से पीड़ित मरीजों के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाईयों पर प्रचलित 5 प्रतिशत वेट को समाप्त कर करमुक्त किया जाएगा.
• नि:शक्तजनों के उपयोग में आने वाले मोटर वाहन का राज्य के बाहर से क्रय करने पर लगने वाला 10 प्रतिशत प्रवेश कर समाप्त किया जाएगा .
• फ्लाईएश ब्लाक्स, होलो ब्रिक्स, पेवर्स, पेविंग ब्लाक्स पर प्रचलित 14 प्रतिशत वेट को समाप्त कर इन्हें कर मुक्त किया जाएगा.
• प्रदेश के स्टील टयूब एवं पाईप निर्माता इकाईयों को घोषणा पत्र पर 2 प्रतिशत की रियायती दर से कच्चा माल आयरन एण्ड स्टील का क्रय किए जाने की सुविधा प्रदान की जाएगी.
• प्लाईवुड एवं लेमिनेट्स पर प्रचलित वेट की दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जाएगी.
• व्यवसाइयों को आन-लाईन रिफण्ड देने की व्यवस्था लागू की जाएगी.
• वर्ष 2012-13 से समस्त मासिक करदाताओं के लिए ई-पेमेन्ट अनिवार्य किया जाएगा.
• वर्ष 2012-13 से समस्त पंजीकृत व्यवसाइयों हेतु ई-रिटर्न अनिवार्य किया जाएगा.
• बैटरी चलित इलेक्ट्रिक वाहन पर प्रचलित 5 प्रतिशत वेट की दर को समाप्त किया जाएगा.
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