भारत के छह गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सलाहकार का दर्जा दिया गया. यह एनजीओ महिलाओं, दलितों और गरीब लोगों के उत्थान के लिए काम करते हैं. संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद के अंतर्गत एनजीओ संबंधी समिति की ओर से यह स्वीकृति दी गई. समिति की स्थापना वर्ष 1946 में हुई थी और इसके द्वारा 3500 से अधिक एनजीओ को सलाहकार का दर्जा दिया गया है. विशेष दर्जा प्राप्त एनजीओ परिषद की बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं और बयान जारी कर सकते हैं.
सलाहकार का दर्जा पाने वालों में निम्नलिखित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) शामिल हैं:
• एक्शन ऑफ ह्यूमैन मूवमेंट (एएचएम), जो तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता को बेहतर जीवन दिलाने में मदद करता है.
• सेंटर फॉर कम्युनिटी इकानोमिक्स एंड डेवलपमेंट कंसल्टैंट्स सोसायटी, जो छोटे एवं मझोले किसानों, भूमिहीनों, दलितों के अलावा महिलाओं तथा बच्चों के हित में काम करता है.
• चैतन्य सम्सकारिका वेदी चेन्नयंगलूर पीओ, जो गरीब लोगों को वित्तीय सहायता देकर विकास को प्रोत्साहन देता है.
• एकता वेल्फेयर सोसायटी, वैश्विक एकता, शांति और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए काम करता है.
• सोशल एंड हेल्दी एक्शन फॉर रूरल इम्पावरमेंट, यह भारत के दूरदराज वाले पर्वतीय क्षेत्र में सुविधा से वंचित लोगों के लिए काम करता है.
• इंटरनेशनल सर्विसेज एसोसिएशन को भी यह दर्जा मिला, जो संवेदनशील समुदाय के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करता है.
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