जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिन्दी के मार्क्सटवादी आलोचक डॉ. शिव कुमार मिश्र का गुजरात के अहमदाबाद में 21 जून को 2013 निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. डॉ. शिव कुमार मिश्र गत एक महीने से फेफडे में संक्रमण के कारण बीमार थे. उनका अंतिम संस्कार वल्लभ विद्या नगर में होगा.
डॉ. शिव कुमार मिश्र से सम्बंधित तथ्य
• डॉ. शिव कुमार मिश्र के परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं.
• इनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 2 फरवरी 1931 को हुआ था.
• डॉ. मिश्र ने सागर विश्वविद्यालय से एमए पीएचडी तथा डी. लिट की उपाधि प्राप्त की थी और आगरा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी.
• वह 1959 से 1977 तक सागर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर थे.
• वर्ष 1977 से 1991 तक वह सरदार पटेल विश्वविद्यालय वल्लभनगर (गुजरात) में हिन्दी विभाग के प्रोफेसर तथा अध्यक्ष रहे.
• डॉ. शिव कुमार मिश्र माकपा के आजीवन सदस्य भी रहे.
• डॉ. शिव कुमार मिश्र की प्रसिद्ध पुस्तक मार्क्सयवादी साहित्य चिंतन पर उन्हें 1975 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार भी मिला था.
• डॉ. शिव कुमार मिश्र 1992 में जनवादी लेखक संघ के महासचिव बने तथा वर्ष 2003 में वह राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए.
• डॉ. शिव कुमार मिश्र ने हिन्दी आलोचना में दस से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी थीं, उनमें प्रेमचंद, भक्ति काव्य और आधुनिक कविता तथा प्रगतिवाद पर लिखी पुस्तकें चर्चित रहीं.
• डॉ. शिव कुमार मिश्र की प्रमुख पुस्तकें आधुनिक कविता और युग सन्दर्भ,यथार्थवाद, प्रेमचंद: विरासत का सवाल, भक्ति काव्य और लोक जीवन हैं.
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