जस्टिस डॉ. मंजुला चेल्लुर ने 5 अगस्त 2014 को कलकत्ता उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली. इससे पहले डॉ. चेल्लुर केरल उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश थीं.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने जस्टिस डॉ. मंजुला चेल्लुर को पद की शपथ दिलाई.
जस्टिस डॉ. मंजुला चेल्लुर कलकत्ता उच्च न्यायालय की 37वीं मुख्य न्यायाधीश हैं. उन्हें पदोन्नति के बाद सर्वोच्च न्यायालय के जज बने जस्टिस अरुण मिश्रा का स्थान लिया.
जस्टिस डॉ. मंजुला चेल्लुर
जस्टिस डॉ. मंजुला चेल्लुर का जन्म 5 दिसंबर 1955 को हुआ था. जस्टिस चेल्लुर ने कर्नाटक के बेल्लारी में प्रैक्टिस करने वाली पहली महिला वकील के तौर पर अपना करिअर शुरु किया था. डॉ. चेल्लूर ने कई अवसरों पर लिंग अवरोध को तोड़ा. वर्ष 2000 में वे कर्नाटक उच्च न्यायालय, बैंगलोर की पहली महिला जज बनीं थीं.
नवंबर 2011 में उन्हें केरल उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था और सितंबर 2012 में डॉ. मंजुला चेल्लुर ने मुख्य न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की.
कलकत्ता उच्च न्यायालय
कलकत्ता उच्च न्यायालय की स्थापना 1 जुलाई 1862 को हुआ थी जो भारत का सबसे पुराना उच्च न्यायालय है. उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत निर्मित, इसके अधिकार क्षेत्र में पश्चिम बंगाल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह आते हैं.
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में कलकत्ता हाईकोर्ट का स्थायी सर्किट बैंच है. उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 58 है.
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