जापान सरकार मंत्रिमंडल ने 21 जुलाई 2015 को वर्ष 2015 के रक्षा श्वेत पत्र को मंजूरी प्रदान की. श्वेत पत्र 2015 में कैबिनेट ने जापान के आस-पास की स्थिति को कठिन बताया है.
रक्षा श्वेत पत्र की मुख्य विशेषताएं 2015 –
• 400 से अधिक पृष्ठों वाले इस दस्तावेज में जापान ने चीन से नए अपतटीय मंच के निर्माण को रोकने की माँग की है क्योंकि जापान के अनुसार इसका प्रयोग चीन द्वारा पूर्वी चीन सागर (ईसीएस) में सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
• जापान ने चीन के सैन्य खर्च की आलोचना की जो 1989 के वित्तीय वर्ष से 41 गुना अधिक है.
• पत्र में कोरिया द्वारा किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण की भी चर्चा की जापान ने इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.
• श्वेत पत्र में रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के मध्य , यूक्रेन संकट को लेकर जारी संघर्ष की और एशिया-प्रशांत, आर्कटिक, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका की मुख्य भूमि के पास मास्को की सैन्य गतिविधि में हो रही वृद्धि को शामिल किया गया है.
जापान ने सर्वप्रथम में 1970 में श्वेतपत्र जारी किया था और 1976 के बाद से हर वर्ष श्वेत पत्र जारी किया जाता है.
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