प्रो. उमेश बेल्लूर की अध्यक्षता वाली गवर्मेंट इंटरनल रेवेन्यू ऑर्डर (जीआईआरओ) सलाहकार समूह (जीएजी) ने अपनी रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 23 अप्रैल 2014 को सौंपी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने जीआईआरओ सलाहकार समिति (जीएजी) की स्थापना राष्ट्रीय जीआईआरओ आधारित भारतीय बिल भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए अक्टूबर 2013 में की थी. यह एक केंद्रीकृत प्रक्रिया है जो उपयोगिता बिल, शिक्षा शुल्क और बीमा प्रीमियम का भुगतान सिर्फ बैंक की शाखा में जाकर करने की अनुमति देता है.
जीआईआरओ सलाहकार समिति की सिफारिशें
इसने भारत में केंद्रीय बिल भुगतान प्रणाली तंत्र का सुझाव दिया.
समिति ने दो संगठनों – भारत बिल भुगतान सेवाएं (बीबीपीएस) और भारत बिल भुगतान संचालन इकाई (बीबीपीओयू) की स्थापना का सुझाव दिया.
इसने एक स्तरीय संरचना की सिफारिश की है जिसमें भारत बिल भुगतान सेवाएं (बीबीपीएस) अधिकृत मानक सेंटिंग निकाय होगा जबकि भारत बिल भुगतान संचालन इकाई (बीबीपीओयू) अधिकृत संचालन इकाइयां होंगी जो बीबीपीएस द्वारा निर्धारित मानकों के पालन का काम करेगी.
भारत बिल भुगतान सेवाएं (बीबीपीएस) एक 'गैर लाभकारी संगठन' की तरह से काम करेगा जो कि भुगतान प्रणाली में जरूरी है, जबकि बीबीपीओयू को मौजूदा इकाईयों के वाणिज्यिक आधार पर संचालित किया जा सकता है. इसके साथ ही वह (बीबीपीएस) इस सेग्मेंट में रूचि रखने वाली इकाईयों के लिए भी काम करेगा. बीबीपीएस लेनदेन प्रणाली से उत्पन्न बंदोबस्त जिम्मेदारियों को भी संभालेगा.
इस त्रिस्तरीय ढांचे में काम करने वाली सभी इकाइयां को बीबीपीएस के एकसमान और एकल ब्रांड के तहत काम करना है. यह यूनिफॉर्म डिसप्यू रिजॉल्यूशन और ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र सुनिश्चित करेगा ताकि इस प्रकार के केंद्रीय बिल भुगतान प्रणाली में लोगों का विश्वास और भरोसा बन सके.
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