भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सचिव 28 मई 2014 को नियुक्त किया गया. इन्होंने पुलक चटर्जी का स्थान लिया. पुलक चटर्जी वर्ष 2011 से 2014 तक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सचिव रहे.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक ही या फिर अगले आदेश तक रहेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सचिव की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. वह पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय और मंत्रालयों के सचिवों के बीच समन्वय के लिए संपर्क का कार्य करता है.
ट्राई कानून का सेक्शन 5 (h) ट्राई के अध्यक्षों और सदस्यों को पद छोडने के बाद केन्द्र या राज्य सरकारों में किसी अन्य पद पर नियुक्ति से प्रतिबंधित करता है. साथ ही राई के अध्यक्ष दो वर्ष तक किसी निजी कंपनी में लाभ का पद नहीं ले सकता. ट्राई कानून के इस प्रावधान में संशोधन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया.
नृपेंद्र मिश्र से संबधित मुख्य तथ्य
• नृपेंद्र मिश्र उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं.
• मिश्र 2006 से 2009 के बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष रहे.
• 69 वर्षीय मिश्र उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं.
विदित हो कि नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में ट्राई ने अगस्त 2007 में सिफारिश की थी कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए. नृपेंद्र मिश्र 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले की सुनवाई में दिल्ली की एक अदालत में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हो चुके हैं. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा आरोपी हैं.
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