थाइलैंड ने 18 मार्च 2014 आपातकाल खत्म करने की घोषणा की. आपातकाल 22 जनवरी 2014 को बैंकॉक में लगाया गया था. आपातकाल खत्म करने के फैसले को थाइलैंड के प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने अनुमोदित किया. यह आपातकाल आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (आईएसए) द्वारा प्रत्स्थापित किया जाएगा.
आईएसए 20 मार्च 2014 से 30 अप्रैल 2014 तक प्रभावी रहेगा. आईएसए आपातकाल आदेश की तुलना में कम व्यापक है. यह सरकार को कर्फ्यू लगाने, सुरक्षा चौकियां लगाने और जरूरत पड़ने पर प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित करने की अनुमति देता है.
पृष्ठभूमि
प्रदर्शनकारियों ने अपदस्थ पूर्व नेता थाकसिन शिनावात्रा जो कि सुश्री यिंगलक के भाई थे, द्वारा संचालित सरकार पर आरोप लगा कर नवंबर 2013 में अपना अभियान शुरु किया था. थाकसिन शिनावात्रा को 2006 में सैन्य तख्तापलट में अपदस्थ किया गया था औऱ 2008 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का दोषी पाते हुए अनुपस्थिति में जेल की सजा सुना दी गई थी.
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरकार अनिर्वाचित लोगों की परिषद से प्रतिस्थापित किया जाए और प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा इस्तीफा दें.
हालांकि, सरकार ने विरोध के जवाब में 2 फरवरी 2014 को आम चुनाव कराने की घोषणा की थी. प्रमुख विपक्षी दल डेमोक्रेट पार्टी ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था. कुछ निर्वाचन क्षेत्रों मे प्रदर्शनकारियों ने मतदान की प्रक्रिया में बाधा डाली जिससे संसद बिना कोरम का रह गया और इसका मतलब है नई सरकार नहीं बनाई सकती.
निर्वाचन आयोग अभी भी मतदान की प्रक्रिया को पूरा करने की सरकार की मांग को नहीं मान रही.
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