दक्षिण अफ्रीका के डरबन में 28 नवंबर से 9 दिसंबर 2011 तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज का 17वां सम्मलेन संपन्न हुआ. सम्मलेन का थीम था - वर्किंग टुगेदर सेविंग टुमॉरो टुडे (Working Together Saving Tomorrow Today).
यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC: United Nations Framework Convention on Climate Change, यूएनएफसीसीसी) के 17वें सम्मलेन में पृथ्वी से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए और विश्व के औसत तापमान में होने वाली वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किए जाने पर सहमति बनी. सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने किया.
यूएनएफसीसीसी के 17वें सम्मलेन में सभी देशों द्वारा वर्ष 2015 के लिए एक संतुलित समझौते की रूपरेखा मंजूर कर ली गई. इस समझौते के तहत भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले सभी देश उत्सर्जन में कटौती के लिए प्रथम बार कानूनी तौर पर बाध्य होंगे. इसके तहत प्रथम बार भारत और चीन भी उत्सर्जन कटौती के दायरे में आएंगे. साथ ही नए करार के तहत सभी देश एक ही कानूनी व्यवस्था में भी आएंगे.
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 1992 में यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC: United Nations Framework Convention on Climate Change, यूएनएफसीसीसी) बना था.
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