दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में 7 सितंबर 2011 को सुबह सवा दस बजे के करीब गेट नंबर 5 पर स्वागत कक्ष के ठीक बाहर हुए बम धमाके में 12 लोगों की मृत्यु हो गई और 70 से अधिक घायल हो गए. नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी के अनुसार धमाके में करीब दो किलो अमोनियम नाइट्रेट व पीईटीएन (PETN: Pentaerythritol tetranitrate) का इस्तेमाल हुआ है.
आतंकी संगठन हरकत-उल-जेहादी ने ई-मेल भेजकर धमाके की जिम्मेदारी ली है और संसद पर हमले आरोपी अफजल गुरु को रिहा करने की मांग करते हुए आगे भी हमलों की चेतावनी दी है.
दिल्ली सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को क्रमश: 4-4 लाख तथा घायलों को एक-एक लाख मुआवजे की घोषणा की गई. जबकि केंद्र सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को क्रमश: 2-2 लाख और घायलों को एक-एक लाख मुआवजे की घोषणा की गई.
ज्ञातव्य हो कि इससे पूर्व 25 मई 2011 को भी दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में गेट नंबर 7 पर बम धमाका हुआ था.
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