दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने 23 अगस्त 2015 को राजधानी क्षेत्र में पहला हाइड्रो-पॉवर संयंत्र आरंभ किया. पूर्वी दिल्ली के चिल्ला क्षेत्र में स्थापित यह संयंत्र सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से बाहर आने वाले अपशिष्ट पदार्थों की शक्ति से चलने वाली हाइड्रोलिक टरबाइन के माध्यम से कार्य करेगा.
एक अधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार संशोधित अपशिष्ट पदार्थ 4.8 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरेंगे तथा दबाव व वेग का निर्माण करेंगे जिससे टरबाइन में उर्जा संचारित होगी. यह एक पायलट प्रोजेक्ट है जिसे निःशुल्क स्थापित किया गया है. यह प्रति वर्ष 20000 केडब्ल्यूएच की विद्युत् उत्पादन करेगा.
विज्ञप्ति में इस तकनीक को प्रदूषण मुक्त भी बताया गया है क्योंकि इसमें कोई भी बाह्य ईंधन का प्रयोग नहीं किया गया है.
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