3 फरवरी 2016 को भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के दीघा, पश्चिम बंगाल स्थित मरीन एक्वेरियम एंड रीजनल सेंटर (एमएआरसी) में समुद्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में इसका उद्घाटन तटीय क्षेत्र प्रबंधन एवं समुद्री जैवविविधता विषय पर एक दिन के राष्ट्रीय सेमीनार के साथ किया गया.
समुद्री संग्रहालय की विशेषताएं
• जनता के लिए खुल चुके नए बने संग्रहालय में 500 से अधिक समुद्री प्रजातियों के साथ मछली गैलरी, कोरल गैलरी और मोलस्का गैलरी है.
• प्रजातियों में मछलियां, समुद्री सांप, मोलस्का, कोरल, केकड़े, झींगा, लॉब्सटर, चीनोडर्म्स, हॉर्स– शू क्रैब्स आदि शामिल हैं.
• यहां समुद्री जीवन, समुद्री जैवविविधता और संरक्षण से संबंधित कई जागरुकता पोस्टरों को भी लगाया गया है.
• यह समुद्री जैव विविधता संरक्षण पर छात्रों और जनता को जागरुक बनाने में मदद करने के साथ– साथ समुद्र जीवविज्ञान में रुचि रखने वाले देश भर के छात्रों के लिए एक मंच के तौर पर काम करेगा.
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के बारे में
• प्राणि शोध और अध्ययन में यह भारत का प्रमुख संगठन है. इलाके में वनों के सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इसकी स्थापना 1 जुलाई 1916 को की गई थी.
• जेडएसआई की गतिविधियां केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत संरक्षण एवं सर्वेक्षण प्रभाग द्वारा समन्वित किया जा रहा है.
• इसने एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल के भूतपूर्व संग्रहालय के एक सदी से भी अधिक पुराने ( 1814–1875) और कलकत्ता स्थित भारतीय संग्रहालय के प्राणीविज्ञान खंड ( 1875– 1916) के प्राणी संग्रहों का अधिग्रहण किया है.
• सर्वेक्षण के विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत जीव विज्ञान में बढ़ती रुचि और देश के पंच वर्षीय योजनाओं के आरंभ के साथ की गई थी.
• देश भर में इसके करीब 17 क्षेत्रीय केंद्र हैं और उनमें से एक है पश्चिम बंगाल के दीघा का मरीन एक्वेरियम एंड रिजनल सेंटर (एमएआरसी) जिसने जीवों की सूची और अनुसंधान पर देश की सेवा करते हुए 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं.
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