वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दृष्टि प्रणाली के संयुक्त उत्पादन के लिए एक साझेदारी समझौता 22 मई 2014 को किया. समझौते पर सीएसआईआर–एनएएल के निदेशक डॉ. श्याम चेट्टी और आईएमडी के मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ. एलएस राठौड़ ने हस्ताक्षर किया.
समझौते के क्षेत्र में भविष्य में मौसम विज्ञान संबंधी सेंसर्स पर किए जाने वाले शोध और विकास गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला होगी.
समझौते ने आईएमडी द्वारा विभिन्न हवाईअड्डों पर वैमानिक मौसम संबंधी सेवाएं मुहैया कराए जाने के लिए दृष्टि प्रणाली के परिचालन तैनाती का रास्ता साफ कर दिया है. भारत के विभिन्न हवाईअड्डों पर करीब 70 प्रणालियों को लगाए जाने वाले इस बड़ी परियोजना को अब दोनों कंपनियां मिल कर पूरा करेंगी.
सात दृष्टि प्रणालियां तीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर काम कर रही हैं. इन सात में से चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, लखनऊ (पिछले तीन वर्ष से) और नेता जी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, कोलकाता ( पिछड़े डेढ़ वर्षों से) में एक – एक प्रणाली लगाई गई है. पांच प्रणालियां देश के सबसे प्रमुख सीएट आईआईआईबी हवाईअड्डा, जैसे, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, नई दिल्ली पर पिछले दो वर्षों से काम कर रही है.
यह कम लागत वाला उत्पाद अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा सभी हवाईअड्डों पर लगाया जाने वाला अनिवार्य प्रणाली है. यह प्रणाली खराब मौसम में भी बहुत प्रभावी रूप से काम करता है.
दृष्टि प्रणाली के बारे में
दृष्टि प्रणाली रनवे पर दृश्यता के आकलन के लिए बेहद परिष्कृत उपकरण है जो खराब दृश्यता के समय सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ के लिए महत्वपूर्ण है.
दृश्यता मापक प्रणाली दृष्टि ट्रांसमिसोमीटर, एक नया, अपनी तरह का स्वदेशी उत्पाद है जिसका डिजाइन और विकास सीएसआईआर– एनएएल ने न्यूनतम से अधिकतम दृश्यता (<25 मीटर से >2000मीटर) की स्थिति में सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ के लिए किया.
वेब द्वारा किए जाने वाले स्वास्थ्य निगरानी, देश के किसी भी हिस्से से डेटा तक पहुंच बनाने के लिए रिमोट कंट्रोल सिस्टम इस प्रणाली की अन्य विशेषताएं हैं. मॉड्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स और वर्चुअल इंस्ट्रूमेंटेशन अवधारणाओं से इसकी सर्विसिंग को यूजर फ्रेंडली और कम लागत वाला बनाया गया है.
वर्ष 2013– 14 में दृष्टि को राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी), इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (आईईटीई) और इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमिकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) द्वारा सबसे नया, मेधावी उत्पाद का कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला है.

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