द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के सांसद दयानिधि मारन ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से 7 जुलाई 2011को इस्तीफा दे दिया. दयानिधि मारन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (संप्रग) सरकार में केंद्रीय कपड़ा मंत्री थे. इस्तीफे का कारण केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दयानिधि मारन पर वर्ष 2006 में चेन्नई की दूरसंचार कंपनी एयरसेल में प्रोमोटर सी शिवशंकरन को अपनी हिस्सेदारी मलेशिया की कंपनी मैक्सिस समूह को बेचने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया जाना है. इससे संबंधित याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की खंडपीठ में दायर की गई.
विदित हो कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्रालय में मारन के उत्तराधिकारी डीएम के (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, द्रमुक) के सांसद ए राजा ने नवम्बर 2010 में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में संलिप्तता के कारण इस्तीफा दे दिया था. ए राजा के साथ मिलकर साजिश रचने के आरोप में डीएमके की एक अन्य नेता एवं सांसद कनिमोझी भी जेल में हैं.
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