द्वितीय विश्व युद्ध में डूबा ब्रिटिश जहाज एसएस गैरसोप्पा (SS Gairsoppa) उत्तरी अटलांटिक महासागर में मिला. अमेरिका की एक अन्वेषण कंपनी ओडिसी मैरिन ने इस जहाज को आयरिश तट से 300 मील दूर उत्तरी अटलांटिक महासागर के 4700 मीटर गहरे तल में खोजा.
ओडिसी मैरिन द्वारा खोजे गए इस जहाज की एसएस गैरसोप्पा के रूप में पुष्टि सितंबर 2011 के तीसरे सप्ताह में की गई. ज्ञातव्य हो कि एसएस गैरसोप्पा (SS Gairsoppa) जहाज भारत के कलकत्ता (अब कोलकाता) से लंदन की यात्रा पर वर्ष 1940 में रवाना हुआ था. लेकिन अटलांटिक महासागर में एक जर्मन यू बोट ने इसे वर्ष 1941 में डुबो दिया था.
एसएस गैरसोप्पा कलकत्ता से लंदन की यात्रा पर भारी मात्रा में चांदी का खजाना ले जा रहा था, जिसकी वर्तमान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 15 करोड़ पाउंड है. इंग्लैण्ड के परिवहन विभाग के अनुसार अन्वेषण कंपनी ओडिसी मैरिन इस खजाने का 80 फीसदी हिस्सा रखेगी. इंग्लैण्ड के परिवहन विभाग ने ओडिसी मैरिन को डूबे विशालकाय जहाज के मलबे की खोज की जिम्मेदारी सौंपी थी.
एसएस गैरसोप्पा नामक जहाज दिसंबर 1940 में कलकत्ता से रवाना हुआ था और इस पर 240 टन चांदी, लोहा और चाय लदी थी. यह पोत ब्रिटिश स्टीम नेवीगेशन कंपनी से ताल्लुक रखता था. यह जहाज लिवरपूल जाने वाला था लेकिन आयरलैंड के पास मौसम बहुत खराब हो गया था और इस जहाज में ईंधन भी बहुत कम बचा था जिससे मजबूरन इसे अपने सैन्य काफिले से अलग होकर अपना रास्ता बदलना पड़ा था. जब यह जहाज एक छोटा रास्ता अपनाकर आयरिश हार्बर के दक्षिण-पश्चिम में पहुंचा तो 17 फरवरी 1941 को जर्मन पनडुब्बी यू101 ने इस पर हमला कर दिया था और इसे समुद्र में डूबा दिया था.
एसएस गैरसोप्पा (SS Gairsoppa) से चांदी के खजाने को निकालने का काम वर्ष 2012 में शुरू किया जाना है.
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