छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनीता झा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का 13 नवम्बर 2014 को गठन किया. इसका कार्य छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के संकरी (पेंडारी), गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही में महिला नसबंदी शिविरों में 13 महिलाओं की मौत और ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं के बीमार होने की घटनाओं की जांच करना है.
इस घटना में कम से कम 15 महिलाओं की मृत्यु हो गई जबकि 100 महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. आयोग को इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देना है.
पीड़िताओं को घटिया दवाओं के नमूनों को कोलकाता की केन्द्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा गया. दवा नियंत्रण प्राधिकार ने महावर फार्मा की एक इकाई को सील कर दिया जिसने उन सिप्रोक्सिन 500 एमजी गोलियों को बनाया था और जिनका इस्तेमाल शिविर में सर्जरी के दौरान किया गया था. इसके आलावा छः दवाओं को बिक्री हेतु प्रतिबंधित कर दिया गया. जिले में नसबंदी शिविर में मौत के मामले में ऑपरेशन करने वाले सरकारी डॉक्टर आरके गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पृष्ठभूमि
डॉ आर के गुप्ता द्वारा राज्य के बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में कुछ घंटों के भीतर 83 महिलाओं का नसंबदी आपरेशन किया गया था. डॉ गुप्ता वहीं है, जिन्हें अपने करिअर में रिकार्ड के लिए राज्य सरकार द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया था.
बिलासपुर जिले के संकरी (पेंडारी), गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही में 8 नवम्बर 2014 को परिवार नियोजन को बढावा देने हेतु एवं जनसँख्या नियंत्रण करने के लिए नसबंदी कैंप लगाया गया था.
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