सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ को देखते हुए गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का आदेश दिया. साथ ही रियायती दर पर जमीन लेने वाले निजी अस्पतालों को 25 जुलाई 2011 को निर्देश दिया कि वे इन मरीजों का मुफ्त इलाज करें.
ज्ञातव्य हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार से रियायती दर पर जमीन लेने वाले निजी अस्पतालों में गरीबों को भर्ती होकर इलाज कराने में दस फीसदी व ओपीडी में 25 फीसदी मरीजों के मुफ्त इलाज का आदेश दिया था. इस निर्णय के विरुद्ध कुछ निजी अस्पतालों ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरवी रवीन्द्रन व एके पटनायक की पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में निजी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे दस दिन के भीतर गरीबों को इलाज मुहैया कराने की योजना पर दिल्ली सरकार से विचार-विमर्श करें.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation