नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी (एनजीएस) को 14 सितंबर 2015 को यूएनईपी चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी को विज्ञान एवं नवाचार श्रेणी के तहत चयनित किया गया.
एनजीएस एक वैश्विक नॉन-प्रॉफिट संस्था है जो विज्ञान, खोज तथा वार्ता द्वारा अपनी बात लोगों तक पहुंचाती हैं. इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है.
उपलब्धियां
वर्ष 1888 में इसकी स्थापना से अब तक यह हजारों शोध, संरक्षण एवं शिक्षा कार्यक्रमों को सहायता प्रदान कर चुका है.
इससे उत्तम शोधकर्ताओं का एक समूह तैयार हुआ है जिससे महत्वपूर्ण प्रजातियों की दुर्दशा के प्रति हमें जानकारी प्राप्त हुई है.
इसके कुछ शोधकर्ता जैसे एल्बर्टो नवा तथा ली बर्जर मानव सभ्यता के विकास के बारे में अदभुत जानकारी प्रदान कर रहे हैं.
इसकी विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से बहुत से देशों की सरकारों ने 8,50,000 वर्ग मील के समुद्री क्षेत्र में जीव जंतुओं की रक्षा की है.
शेरों की प्रजाति के लिए चलाए गये विशेष अभियानों के तहत 70 संरक्षण परियोजनाएं आरंभ की गयीं जिसके द्वारा शेर, चीता, तेंदुए तथा बाघ का संरक्षण करने में सहायता प्राप्त हुई है.
नेशनल ज्योग्राफिक मैगज़ीन उन प्रकाशन संस्थानों में से एक है जिसने विश्व में पहली बार जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को उठाया था. इस विषय पर 1970-80 के दशक में विभिन्न लेख प्रकाशित किये गये.
मैगज़ीन, टेलीविज़न प्रसारण (नेशनल ज्योग्राफिक चैनल), पुस्तकें, अभियान, चैनल, मोबाइल एवं सोशल मीडिया जैसे स्नैपचैट एवं इन्स्टाग्राम पर 700 मिलियन से अधिक लोग प्रत्येक माह इसे देखते हैं तथा प्रेरणा प्राप्त करते हैं.
चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ पुरस्कार
यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा पर्यावरण क्षेत्र में दिया जाने वाला शीर्ष पुरस्कार है.
यह विश्व भर में दूरदर्शी लोगों और संगठनों को पहचानकर सतत विकास तथा जलवायु परिवर्तन में उनके योगदान को सम्मान प्रदान करता है.
वार्षिक पुरस्कार वर्ष 2004 से आरंभ किया गया.
पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए जाते हैं, नीति नेतृत्व, उद्यमशीलता की दृष्टि, प्रेरणा तथा कार्य एवं विज्ञान और नवाचार.
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