नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली अफ्रीकी महिला और केन्या की पर्यावरण कार्यकर्ता वंगारी मथाई का 25 सितंबर 2011 को निधन हो गया. 71 वर्ष की वंगारी मथाई कैंसर से पीडि़त थीं.
वंगारी मथाई को केन्या में पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2004 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2006 में उन्हें इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार भी मिला था.
वंगारी मथाई ने वर्ष 1977 में ग्रीन बेल्ट मूवमेंट नामक संगठन की स्थापना की थी जहां उन्होंने 30 साल तक तीन करोड़ पेड़ लगाने के लिए गरीब महिलाओं को एकजुट किया. वंगारी मथाई पूर्वी-मध्य अफ्रीका में डॉक्टरेट की उपाधि लेने वाली प्रथम महिला थीं.
वंगारी मथाई का जन्म एक अप्रैल 1940 को हुआ था. वर्ष 2002 में वह केन्या के संसद का सदस्य भी बनीं. जनवरी 2003 से नवंबर 2005 तक वह केन्या के राष्ट्रपति माई किबाकी के मंत्रिमंडल में पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन के सहायक मंत्री भी रहीं थीं. वर्ष 2007 में हुए केन्या संसदीय चुनाव में वह हार गई थीं.
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