सर्वोच्च न्यायालय ने स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी नोवार्टिस एजी की कैंसर रोधी दवा ग्लाइवेक के पेटेंट से संबंधित याचिका 1 अप्रैल 2013 को खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने मल्टीनेशनल दवा कंपनी नोवार्टिस द्वारा दायर की गई एक अपील भी खारिज कर दी, जिसमें भारतीय दवा कंपनियों को जेनेरिक दवाओं के उत्पादन से रोकने संबंधी अपील की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम तथा रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने यह निर्णय दिया.
सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से भारत में दूसरी कंपनियां भी ब्लड कैंसर की दवा ग्लाइवेक बना सकेंगी. इस कारण से यह दवा मरीजों को सस्ती मिल सकती है. यह दवा रक्त कैंसर व अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. इससे पहले चेन्नई स्थिति बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड ने वर्ष 2006 में नोवार्टिस एजी की याचिका खारिज की थी.
भारतीय पेटेंट कानून की धारा 3 (घ) और 3 (ख)
• भारतीय पेटेंट कानून की धारा 3 (घ) के तहत पहले से प्रसिद्ध दवाओं के लिए पेटेंट प्रतिबंधित है, जब तक कि उस दवा के आविष्कार में प्रभावकारिता के संदर्भ में श्रेष्ठता न हो.
• भारतीय पेटेंट कानून की धारा 3 (ख) के तहत उन उत्पादों के लिए पेटेंट प्रतिबंधित है जो जनता के हित के विरुद्ध हैं और जो उत्पाद पहले से मौजूद उत्पादों से उन्नत नहीं हैं.
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