शिक्षाविद प्रो. लोकेश चंद्र को तीन वर्ष (2014-17) की अवधि के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations, आईसीसीआर) का अध्यक्ष 30 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 17वें आईसीसीआर अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की.
प्रो. लोकेश चंद्र ने कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह का स्थान लिया. डॉ. कर्ण सिंह ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष पद से 18 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था.
प्रो. लोकेश चंद्र से संबंधित मुख्य तथ्य
• प्रो. लोकेश चंद्र को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2006 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
• उन्होंने भारत के साथ ही अंतरराष्टरीय स्तर पर सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण व सराहनीय कार्य किए.
• प्रो. लोकेश चंद्र (87 वर्ष) कई भाषाओं के जानकार हैं.
• इससे पहले वह भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष और आईसीसीआर के उपाध्यक्ष रहे.
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस, आईसीसीआर) भारत सरकार का एक स्वतंत्र संगठन है. इसकी स्थापना 1950 में हुई थी. इस संस्था का मुख्यालय आज़ाद भवन नई दिल्ली में स्थित है.
इस संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय बंगलौर, कलकत्ता, चंडीगढ़, चेन्नाई, जकार्ता, मॉस्को, बर्लिन, कैरो, लंदन, ताशकंद, अलमाटी, जोहानसबर्ग, डरबन, पोर्ट ऑफ़ स्पेन और कोलंबो में हैं.
उद्देश्य
• भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का उद्देश्य भारत और दूसरे देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और आपसी समझबूझ स्थापित करना, पुनरुज्जीवित करना और सुदृढ़ बनाना.
• दूसरे देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों से संबंधित नीतियां एवं कार्यक्रम तैयार करने और उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना.
• भारत और दूसरे देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और आपसी समझबूझ को बढ़ावा देना और मजबूत बनाना.
• संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंध स्थापित करना और उनका विकास करना.
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्य
परिषद के प्रमुख क्रिया-कलापों में निम्नलिखित कार्य शामिल हैं.
• भारत सरकार और अन्य एजेंसियों की ओर से विदेशी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति स्कीमों का संचालन और विदेशी छात्रों के कल्याण पर निगरानी रखना.
• भारतीय नृत्य और संगीत सीखने के लिए विदेशी छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान करना.
• प्रदर्शनियों का आदान प्रदान.
• अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों और विचार-गोष्ठियों का आयोजन और उनमें भागीदारी.
• विदेशों में प्रमुख सांस्कृतिक उत्सवों में भागीदारी.
• विदेशों में 'भारत उत्सवों' का आयोजन.
• कलाकार मंडलियों का आदान-प्रदान.
• विदेशों में कलाकारों द्वारा व्याख्यान प्रदर्शनों का आयोजन.
• गणमान्य आगंतुकों के कार्यक्रम रखना जिसके अंतर्गत आपसी हित के विषयों पर व्याख्यान देने के लिए विदेशों से प्रख्यात हस्तियों को भारत आमंत्रित किया जाता है और भारतीय विशेषज्ञों को विदेश भेजा जाता है.
• विदेशी विश्वविद्यालयों में भारतीय अध्ययन की चेयर की स्थापना और उसका संचालन.
• विदेशों में स्थित संस्थाओं को पुस्तकें, दृश्य-श्रव्य सामग्री, कलाकृतियां और वाद्य यंत्र भेंट करना.
• अंतरराष्ट्रीय समझबूझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार हेतु सचिवालय प्रदान करना.
• वार्षिक मौलाना आजाद स्मृति व्याख्यान और मौलाना आजाद निबंध प्रतियोगिता का आयोजन.
• भारत और विदेशों में वितरण के लिए पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन.
• विदेशों में भारतीय सांस्कृतिक केन्द्रों का संचालन.
• मौलाना अबुल कलाम आजाद के सुसंचित पुस्तकालय और पाडुलिपियों का रखरखाव.
• दुर्लभ पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन.
• पुस्तकालय छात्रवृत्तियां प्रदान करना.
• विदेश मंत्रालय की ओर से परियोजनाएं प्रारंभ करना.
विदित हो कि परिषद के कार्यों का निर्धारण और अनुमोदन उसके शासी निकाय द्वारा किया जाता है. वर्ष 2011-12 के लिए परिषद को विदेश मंत्रालय से 15070.00 लाख रुपए का सहायता अनुदान प्राप्त हुआ था.
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