पश्चिम बंगाल में हिंदी को दूसरी सरकारी भाषा का दर्जा 10 दिसंबर 2012 को प्राप्त हुआ. राज्य सरकार ने दी वेस्ट बंगाल आफिसिएल लांग्यूएज (सेकेंड) एमेंडमेंट बिल 2012 विधेयक पारित कर राज्य के 10 प्रतिशत से अधिक हिंदी भाषी आबादीवाले क्षेत्रों में हिंदी को दूसरी सरकारी भाषा की वैधानिक मान्यता प्रदान की.
पश्चिम बंगाल में हिंदी के साथ उर्दू, संथाली, ओडि़या और पंजाबी को भी 10 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में दूसरी सरकारी भाषा की मान्यता प्रदान की गई.
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