पाकिस्तानी वाघा सीमा पर: आत्मघाती हमलावर ने खुद को एक शक्तिशाली बम विस्फोट से उड़ा दिया.
पाकिस्तान की सीमा में 2 नवंबर 2014 को हुए आत्मघाती बम विस्फोट के कारण वाघा सीमा चर्चा में रहा. इस विस्फोट में 11 महिला, तीन सुरक्षाकर्मी सहित कम से कम 61 लोगों की मृत्यु हो गई और 200 से अधिक घायल लोग अस्पताल में भर्ती किए.
घटना:
यह घटना पाकिस्तान वाघा सीमा पर ध्वजों को नीचे उतारने के एक मिनट पश्चात वाघा पर बाहर निकलने के फाटकों में से एक के पास उस समय घटित हुई जब लोग झंडा रस्म देखने के बाद लौट रहे थे और आत्मघाती द्वारा खुद को एक शक्तिशाली बम द्वारा उड़ा दिया गया.
इस भीषण विस्फोट के पश्चात पाकिस्तान के अनुरोध के कारण 3 नवंबर, 2014 से 3 दिनों के लिए वाघा सीमा पर कोई बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित नहीं किया गया.

हमले की जिम्मेदारी:
अल-कायदा से संबद्ध आतंकवादी गुट जनदुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. विदित हो कि सितंबर 2013 में पेशावर के एक चर्च में हुए आत्मघाती बम विस्फोट, जिसमें कम से कम 78 ईसाइयों की मृत्यु हुई थी, जनदुल्लाह आतंकवादी गुट का ही हाथ था.
वाघा के बारे में:
वाघा (पाकिस्तान में) भारतीय शहर अमृतसर और पाकिस्तानी शहर लाहौर के मध्य सड़क सीमा है. यह भारत के अमृतसर, पंजाब और पाकिस्तान के लाहौर, पंजाब शहरों के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित है. वाघा सीमा लाहौर से 22 किलोमीटर की दूरी पर और अमृतसर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह एक गांव है जिसमें विवादास्पद रेडक्लिफ रेखा है, जो विभाजन के समय पर भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाली सीमांकन रेखा के रूप में खीची गई थी. इस गॉव का इस समय पूर्वी हिस्से वाला आधा गॉव अभी भी भारत में जबकि पश्चिमी हिस्से वाला आधा गॉव पाकिस्तान में है. यह सीमा क्षेत्र विशेष रूप से वाघा सीमा समारोह के कारण जाना जाता है जो वाघा सीमा पर प्रतिसंन्ध्या 5 बजे संपन्न किया जाता है.
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