इंडियन फार्मेकोपिया 2014 (Indian Pharmacopoeia 2014): भारतीय फार्मेकोपिया आयोग (आईपीसी)
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याम मंत्री गुलाम नबी आजाद ने पुस्तक ‘इंडियन फार्मेकोपिया 2014’ के सातवें संस्करण का नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में 4 नवम्बर 2013 को विमोचन किया. यह पुस्तक दवाओं के मानकीकरण से संबंधित है.
पुस्तक ‘इंडियन फार्मेकोपिया 2014’ के सातवें संस्करण में फार्मेकोपिया के दायरे को बढ़ाकर जैवप्रौद्योगिकी के उत्पाद, स्थानीय जड़ी-बूटियों, जड़ी- बूटियों के उत्पाद, पशु चिकित्सा के टीके, एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं तथा फार्मूलों को शामिल किया गया.
इंडियन फार्मेकोपिया 2014 से संबंधित मुख्य तथ्य
• विश्वभर में दवाओं से संबंधित मानकों में तेजी से परिवर्तन आ रहे हैं और इनके साथ तालमेल रखने के उद्देश्य से हितधारकों को इंडियन फार्मेकोपिया के नए संस्करण की आवश्यकता महसूस हुई.
• इस फार्मेकोपिया में दिए गए मानक आधिकारिक होने के साथ-साथ वैधानिक तौर पर लागू करने लायक हैं.
• इससे निरीक्षण तथा लाइसेंस लागू करने की प्रक्रिया सुविधाजनक होनी है.
• इंडियन फार्मेकोपिया 2014 में कई संशोधन किए गए हैं और देश में तथा विदेशों में प्रयोग में लाए जा रहे उन्नत प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रयोग के तरीकों को भी इसमें शामिल किया गया.
• इंडियन फार्मेकोपिया (आईपी-2014) ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम 1940 तथा उसके अंतर्गत आने वाले नियमों की पूर्ति के लिए प्रकाशित किया गया.
• इसमें भारत में निर्मित या उपलब्ध दवाओं के मानकों का ब्यौरा दिया गया है ताकि दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके.
• इंडियन फार्मेकोपिया 2014 चार खंडों में प्रस्तुत की गई है.
• आईपी 2014 में 2548 दवाओं के मोनोग्राफ शामिल किए गए हैं, जिनमें से 577 नए हैं.
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