भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने टैम मामले में विभिन्न हितधारकों को नोटिस भेजा. यह नोटिस प्रसार भारती के उस आरोप के तहत भेजा गया जिसमें प्रसार भारती ने भारतीय टेलीविजन रेटिंग एजेंसी टैम पर अपने एकाधिकारों पर दुरूपयोग करने का आरोप लगाया गया था. सीसीआई ने यह नोटिस 27 जून को जारी किया था.
आयोग की ओर से जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया कि प्रसार भारती के द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच जारी है तथा इस मामले से जुड़े सभी हितधारकों, जिसमें कि कई ब्रॉडकास्टर तथा मीडिया एजेंसियां शामिल हैं, को अपनी मत स्पष्ट करने के लिए कहा गया. साथ ही, इन हितधारकों से टैम संबंधित बुनियादी जानकारी भी साझा करने को कहा गया है. विभिन्न मीडिया एजेंसियों को उन सभी मामलों से संबंधित साक्ष्य देने को भी कहा गया है जिससे टैम के प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का पता चलता हो.
सभी हितधारकों को अपने जवाब 18 जुलाई 2013 तक सीसीआई को प्रस्तुत करने हैं.
क्या है विवाद
प्रसार भारती ने नवंबर 2012 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में टेलीविजन रेटिंग एजेंसी टैम के विरूद्ध प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 के तहत शिकायत की थी जो कि बाजार में वर्चस्व का दुरूपयोग करने से संबंधित है. मार्च 2013 में सीसीआई ने इस शिकायत पर पहली बार उत्तर दिया कि इस मामले की जांच चल रही है.
टैम मीडिया रिसर्च (TAM Media Research)
टैम मीडिया रिसर्च अमेरिकी अनुसंधान संस्था ए. सी. नील्सन तथा बिट्रेन की अनुसंधान संस्था कैंटर (Kantar) का एक संयुक्त उपक्रम है. टैम मीडिया रिसर्च भारत की दो प्रमुख टेलीविजन दर्शकों से संबंधित आकड़े मुहैया कराने वाली संस्थाओं में से एक है, जबकि दूसरी संस्था एमैप (Audience Measurement & Analytics Limited, aMap) है. भारतीय विज्ञापनकर्ताओं की संस्था (Indian Society of Advertisers, IAS), भारतीय प्रसार की संस्था (Indian Broadcast Foundation, IBF ) और भारतीय विज्ञापन एजेंसी संघ (Advertising Agencies Association of India, AAAI) के संयुक्त हितधारकों के द्वारा टैम मीडिया रिसर्च को 1998 में भारतीय टेलीविजन दर्शकों से संबंधित आकड़े उपलब्ध कराने हेतु नियुक्त किया गया था.
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