प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष डॉ सी रंगराजन ने आर्थिक दृष्टिकोण 2011-12 (Economic Out Look 2011-12) नई दिल्ली में 1 अगस्त 2011 को जारी किया. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने वित्तवर्ष 2011-12 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि इसके पहले यह अनुमान 8.5 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था. इसका कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य, घरेलू स्तर पर महंगाई की ऊंची दर तथा उद्योग क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन है.
मुद्रास्फीति की दर मार्च 2012 में गिरकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, इसके पहले यह अनुमान 6 प्रतिशत रहने का था. रिपोर्ट में जुलाई 2011 से अक्तूबर 2011 के मध्य मुद्रास्फीति की दर 9 प्रतिशत के आसपास तथा नवम्बर 2011 के बाद इसके सामान्य होने की आशा व्यक्त की गई. डाक्टर रंगराजन ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में वैश्विक वित्तीय और आर्थिक स्थिति में सुधार आने की संभावना नहीं है जिसका देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि पर असर पड़ सकता है. उन्होंने अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश दर को बढ़ाने की जरूरत बताई, ताकि निकट भविष्य में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. रिपोर्ट में सरकार को और राजस्व जुटाने तथा सार्वजनिक खर्च में कटौती करने का सुझाव दिया गया. मानूसन की वर्षा सामान्य रहने की आशा है जिसकी वजह से कृषि क्षेत्र में 3 प्रतिशत की वृद्धि हो ने का अनुमान है. उद्योग क्षेत्र की वृद्धि दर वित्तवर्ष 2011-12 में 7.1 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की आशा है. जबकि उद्योग क्षेत्र की वृद्धि दर वित्तवर्ष 2010-11 में 7.9 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर9.4 प्रतिशत थी. जीडीपी में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है. रिपोर्ट में बिजली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र पर तुरन्त ध्यान देने और माल तथा सेवा कर को जल्दी से जल्दी लागू करने पर जोर दिया गया. पीएमईएसी की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं.
• वित्तवर्ष 2011-12 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.2 प्रतिशत किया गया जो पहले 9 प्रतिशत था.
• औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर घटाकर 7.। प्रतिशत की गई जो वर्ष 2010 में 7.9 प्रतिशत थी.
• कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 6. 6 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत रहने का अनुमान.
• मुद्रास्फीति अक्टूबर 2011 तक 9 प्रतिशत तथा नवंबर 2011 में मुद्रास्फीति 6.5 रहने का अनुमान है.
• मुद्रास्फीति की दर घटने तक रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति को सख्त रखेगा
• राजकोषीय घाटे का लक्ष्य महत्वपूर्ण चुनौती रहेगा चालू खाता घाटा 54 अरब डालर (जीडीपी का 2.7 फीसद) रहने का अनुमान है.
• प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 35 अरब डालर रहेगा जबकि वित्त वर्ष 2011 में यह 23.4 अरब डालर था.
• विदेशी संस्थागत निवेश 14 अरब डालर का होगा जो पिछले साल 30 अरब डालर रहा था.
• कोयले की उपलब्धता, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण संबंधी अनुमति और बिजली की दर जैसे मसले से निपटने के लिए कदम उठाने की जरूरत पर जोर
• सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 फीसद की अनुमानित वृद्धि दर पिछले साल से कम है लेकिन वर्तमान में वैश्विक हालात के मद्देनजर इसे ऊंचा ही माना जाएगा.
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