लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के रोजगार सृजन कार्यक्रम की देखभाल के लिए देश के प्रत्येक जिले में सलाहकार समिति का गठन करने का निर्णय 30 अगस्त 2013 को किया. प्रधानमंत्री के रोजगार सृजन कार्यक्रम ऋण से जुड़ा सब्सिडी कार्यक्रम है. इस समिति में जिले से चुने गए संसद सदस्यों की सक्रिय भागीदारी होनी है.
समिति से संबंधित मुख्य तथ्य
• जिला स्तरीय सलाहकार समिति में 30 सदस्य होने हैं, जिनके द्वारा कार्यक्रम को लागू करने में मार्गदर्शन और सुझाव दिए जाने हैं.
• समिति द्वारा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राज्य सरकार तथा बैंकों सहित अन्य एजेंसियों से तालमेल किया जाना है, ताकि इस कार्यक्रम के तहत युवा उद्यमियों को सक्रिय किया जा सके.
• समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना है कि कार्यक्रम दिशा-निर्देशों के अनुरूप लागू हों.
• समिति की अध्यक्षता जिले से निर्वाचित उस सांसद (लोकसभा) द्वारा किया जाना है, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में जिले का अधिकतर हिस्सा आता है.
• जिस सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में जिले का कम हिस्सा आता है, उनके द्वारा उपाध्यक्ष का पद ग्रहण किया जाना है तथा राज्यसभा सदस्य अन्य सदस्यों में शामिल होने हैं.
• अन्य सदस्यों में विधानसभा तथा विधान परिषद के सदस्य, जिला पंचायत के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति/जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्य/समाज विज्ञान, बैंक प्रतिनिधियों तथा वित्तीय संस्थानों का एक प्रतिनिधि होना है.
• जिला अधिकारी/कलेक्टर को सदस्य संयोजक बनाया जाना है.
• समिति की बैठक हर तीन महीने में एक बार होनी है.
विदित हो कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2008-09 में 5251.51 करोड़ रुपये जारी किए और 2.22 लाख परियोजनाओं को मदद दी गई तथा 20.42 लाख लोगों को रोजगार दिए गए. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री के रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए प्रत्येक वर्ष आवंटन बढ़ा रही है और वर्ष 2013-14 के लिए 1418.28 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए. यह राशि 1.03 लाख परियोजनाओं हेतु है, जिनसे 8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होनी है.
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