भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग से 15 जुलाई 2014 को ब्राजील के फोर्टालेजा में मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने छठे बीआरआईसीएस शिखर सम्मेलन के मौके पर चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की. यह प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच पहली शिखर–सम्मेलन स्तर की बैठक थी.
दोनो नेताओं के मध्य लगभग 80 मिनट तक चली बैठक में भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों के महत्वप पर जोर दिया गया और मई 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से द्विपक्षीय रिश्तों में हुए तेज प्रगति पर संतोष व्यक्त किया.
दोनों ही पक्षों ने सीमा रेखा से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढ़ने की जरूरत पर भी बल दिया और आपसी विश्वास एवं भरोसे के मजबूत बनाने और सीमा पर शांति एवं सौहार्द बनाए रखने पर भी जोर दिया.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दूसरा रास्ता खोलने की सलाह दी औऱ भारत के बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में चीन के निवेश को आमंत्रित किया. इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को भी दूर करने की उम्मीद जाहिर की.
प्रधानमंत्री मोदी ने दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच पर्यटन और लोगों के बीच आपसी संबंधों में सुधार की भी आशा व्यक्त की.
चीन के राष्ट्रपति ने भारत को एशिया– प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) की नवंबर 2014 में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया और भारत को संघाई सहयोग संगठन के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए कहा.
मई 2014 से, भारत और चीन के बीच कुछ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय काम हुए हैं. इसमें भारत के उप– राष्ट्रपति हामिद अंसारी का चीन दौरा और चीन के विदेश मंत्री वांग यी जून 2014 में का राष्ट्रपति जिनपिंग के विशेष दूत के रूप में भारत दौरा शामिल है. 2014 में ही चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग का भारत दौरा प्रस्तावित है. ये सभी उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठकें भारत और चीन के बीच रणनीतिक भागीदारी के लिए नए एवं महत्वकांक्षी एजेंडा बनाने का अवसर दे रहे हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation