भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को न्यूयॉर्क में हुए यूएनजीए के 69वें सत्र को हिन्दी में संबोधित किया. वे अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 193 सदस्यों वाले यूएन महासभा को हिन्दी में संबोधित करने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बनें.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव के बाद यूएजीए के सत्र को हिन्दी में संबोधित करने वाले तीसरे भारतीय राजनेता बनें. राव ने वर्ष 1988 में बतौर विदेश मंत्री सत्र को हिन्दी में संबोधित किया था और वाजपेयी ने वर्ष 1977 में हुए यूएन महासभा के मिलेनियम समिट सत्र को हिन्दी में संबोधित किया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 69वें सत्र का थीम था–‘ट्रांस्फॉर्मेटिव पोस्ट 2014– 2015 डेवलपमेंट एजेंडा’ (Transformative Post 2014- 2015 Development Agenda) को तैयार कर उसे लागू करना.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 69वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की प्रमुख बातें:-
वर्ष 1948 के बाद उन्होंने 69 वें यूएन शांति मिशन को ब्लू हेलमेट – शांति का रंग कहा.
- भारत दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शांतिपूर्ण माहौल में और आतंकवाद के बिना पाकिस्तान के साथ गंभीर वार्ता को राजी है. लेकिन इस उद्देश्य के लिए, पाकिस्तान को ऐसा माहौल तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी.
- कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था, आतंकवाद, ईबोला स्वास्थ्य संकट, जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए ठोस बहुपक्षीय कार्रवाई करने का आह्वान किया.
- आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ठोस अंतरराष्ट्रीय पहलों के लिए आह्वान करते समय उन्होंने कहा कि आतंकवाद अब नया आकार और नया नाम ले चुका है एवं दुनिया का कोई भी देश चाहे वह बड़ा हो या छोटा आतंकवाद मुक्त नहीं है. इसलिए आपसी मतभेदों को भुलाकर आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते को अपनाकर किया जाना चाहिए.
- सभी जी– समूहों को जी–1 या जी– ऑल (All) में परिवर्तित किया जाना चाहिए.
- सुरक्षा परिषद के साथ संयुक्त राष्ट्र को अधिक लोकतांत्रिक औऱ सहभागी बनाया जाना चाहिए.
- विकास और सशक्तिकरण का प्रसार फेसबुक या ट्विटर की गति की तरह किया जाना चाहिए.
- ‘पोस्ट 2014– 2015 डेवलपमेंट एजेंडा’ में गरीबी उन्मूलन मुद्दा प्रमुख होना चाहिए.
- देशों की प्रौद्योगिकी और क्षमताओँ को एक– दूसरे से साझा किया जाना चाहिए.
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाया जाना चाहिए.
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