दो देशों मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 नवंबर 2015 को भारत लौट आए.
4 दिन की (21 नवंबर से 24 नवंबर 2015) यात्रा के दौरान मोदी ने आसियान व्यापार और निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लिया और उन्होंने आसियान राष्ट्र प्रमुखों/ नेताओं के साथ मुलाकात की.
प्रवास के दौरान वह 21 नवंबर से 23 नवंबर 2015 तक मलेशिया में और 23 नवंबर से 24 नवंबर 2015 तक सिंगापुर में रुके.
मलेशिया दौरे के मुख्य बिंदु-
• मोदी ने 21 नवम्बर 2015 को आसियान व्यापार और निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लिया.
• मोदी ने 21 नवम्बर 2015 को कुआलालम्पुर में 13 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया.
• मोदी ने 22 नवंबर 2015 को कुआलालम्पुर में 10 वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया
• मोदी ने मलेशिया में भारतीय समुदाय को संबोधित किया.
मोदी और रजाक ने संयुक्त रूप से कुआलालम्पुर में तोरण द्वार का उद्घाटन किया. तोरण द्वार एक मिलियन येन की लागत से भारत ने बनाया. यहाँ ब्रिक फील्ड में “लिटिल भारत” भारतीय मूल के लोगों संख्या अधिक हैं.
• उन्होंने प्रसिद्ध बातू गुफाओं के मंदिर के दर्शन किए.
• कुआलालंपुर स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का नामकरण वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी और इंडियन नेशनल आर्मी के कमांडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया जाएगा.
• वे मलेशियाई राष्ट्रीय कांग्रेस (एमआईसी), के सदस्यों से मिले और मलेशिया में भारतीय मूल के लोगों की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेत्याओं से मुलाकात की.
सिंगापुर यात्रा के प्रमुख बिंदु
• भारत और सिंगापुर के बीच सामरिक साझेदारी शीर्षक "नया उत्साह, नया जोश" पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया.
• स्वागत समारोह के दौरान मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ औपचारिक सलामी गारद का निरीक्षण किया.
• मोदी ने 24 नवंबर 2015 को सिंगापुर में भारत-सिंगापुर आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया.
• दस समझौता ज्ञापनों पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर हुए.
• मोदी ने सिंगापुर में भारत को विदेशी निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने हेतु और अधिक सुधारों का वायदा किया.
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ली सीन लूंग ने 50 साल से द्विपक्षीय संबंधों पर स्मृति चिह्न के रूप में राष्ट्रपति भवन और सिंगापुर के इस्ताना -सरकारी निवास के चित्रण का स्मारक डाक टिकट जारी किया.
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