प्रसिद्ध कथाकार, स्वतंत्रता सेनानी एवं कम्युनिस्ट नेता विद्यासागर नौटियाल का बेंगलूर में 12 फरवरी 2012 को निधन हो गया. विद्यासागर नौटियाल को प्रतिष्ठित श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान, पहल सम्मान और मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के अखिल भारतीय वीरसिंह देव सम्मान दिए जा चुके हैं.
कथाकार विद्यासागर नौटियाल ने टिहरी राजशाही के विरुद्ध और किसान तथा ग्रामीण जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं व संघर्षों को अपने साहित्य के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाया है. यमुना के बागी बेटे, भीम अकेला, झुंड से बिछुड़ा, उत्तर बायां है आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियां हैं.
विद्यासागर नौटियाल का जन्म 23 सितंबर 1933 को टिहरी के मालीदेवल गांव में नारायण दत्त नौटियाल एवं रत्ना नौटियाल के घर हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई थी. उच्च शिक्षा देहरादून और बनारस में ली थी. वह देवप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके थे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation