विभिन्न ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट्स एवं ई-मेल अकाऊंट्स के सर्वरों से यूजर्स के डेटा को हैक करने के आरोपों को झेल रही अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसएNational Security Agency) निगरानी प्रोग्राम प्रिज्म (Prism) का इस्तेमाल कर रही है. यह दावा है प्रमुख अमेरिकी अखबार वाशिगटन पोस्ट का, जिसने इस खबर के लिए एक अत्यंत खुफिया दस्तावेज को आधार बनाया.
प्रिज्म के माध्यम से एनएसए माइक्रोससॉफ्ट, याहू, गूगल, फेसबुक, पालटॉक, एओएल, स्काईप, यूट्यूब, एप्पल, आदि जैसे पोर्टल्स से विभिन्न यूजर्स के खातों को हैक करके उनके निजी जीवन में अनाधिकृत निगरानी कर रही है.
प्रिज्म प्रोग्राम को अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान चलाए गये खुफिया कार्यक्रम वारंटमुक्त घरेलू निगरानी के तहत 2007 में प्रयोग में लाया गया था. प्रिज्म को 11 सितंबर 2002 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवादी निगरानी कार्यक्रम को हटाकर इस्तेमाल में लाया गया था. प्रिज्म का इस्तेमाल एनएसए तब से करती आ रही है.
अमेरिका के प्रमुख अखबार के द्वारा प्रिज्म से सम्बंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करने के बाद इसके बारे आम लोगों को प्रिज्म के बारे में 6 जून 2013 को पता चला.
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