बिहार विधान परिषद के किसी सदस्य का व्यवहार अगर अमर्यादित या अनापेक्षित है तो आम आदमी इनके खिलाफ सदन की आचार संहिता समिति के समक्ष शिकायत कर सकता है. विधान परिषद की मर्यादा कायम रखने और सदस्यों के संवेदनशील आचरण हेतु बिहार विधान परिषद के सभापति ताराकांत झा ने इस आशय का प्रावधान फरवरी 2011 के तीसरे सप्ताह में किया.
बिहार विधान परिषद ने शिकायत पत्र का एक फार्मेट भी जारी किया है, जिसमें शिकायत कर्ता को स्वयं का नाम, पता, व्यवसाय आदि का उल्लेख करना है. हालांकि शिकायत का ब्योरा 150 शब्द तक ही रखा गया है. आवेदन के साथ सबूतों के अलावा शिकायतकर्ता को यह शपथ पत्र भी देना होगा कि मेरी जानकारी में उपरोक्त सूचनाएं सत्य हैं.
बिहार विधान परिषद ने यह तय किया कि मीडिया की रिपोर्ट पर आधारित शिकायत को प्रामाणिक आरोप नहीं माना जाएगा. साथ ही बिहार विधान परिषद आचार संहिता समिति ऐसे किसी मामले पर विचार नहीं करेगी जो न्यायालय में विचाराधीन हो. शिकायत कर्ता द्वारा अनुरोध करने पर समिति शिकायत कर्ता का नाम गुप्त रखेगी.
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