संयुक्त राष्ट्र के एचआइवी/एड्स पर कार्य करने वाला ‘यूएनएड्स प्रोग्राम’ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत एचआइवी संक्रमितों का तीसरा सबसे बड़ा परिक्षेत्र है. रिपोर्ट के अनुसार, यहां एचआइवी वायरस से 21 लाख लोग पीड़ित हैं. ‘यूएनएड्स प्रोग्राम’ द्वारा 'गैप रिपोर्ट' के नाम से जारी इस रिपोर्ट को जुलाई 2014 के तीसरे सप्ताह में जारी किया गया.
'गैप रिपोर्ट' रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य
• एचआइवी/एड्स के मामले में प्रथम तीन स्थान पर क्रमशः- उप-सहारा अफ्रीका, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र.
• दुनियाभर में एचआइवी वायरस से संक्रमित 3.5 करोड़ लोगों में 1.9 करोड़ को खुद को एचआइवी से संक्रमित होने का पता ही नहीं.
• एड्स की महामारी को वर्ष 2030 तक खत्म करने के लिए जानकारी के इस अंतर को समाप्त करने की जरूरत पर बल.
• वर्ष 2013 के आखिर तक अफ्रीकी क्षेत्र में कुल 48 लाख लोगों के एचआइवी संक्रमित होने का अनुमान.
• वर्ष 2013 के आखिर तक भारत में 21 लाख एचआइवी से संक्रमित लोग पाए गए.
• भारत में केवल 36 प्रतिशत एचआइवी से संक्रमित लोगों को एचआइवी के उपचार की सुविधा मिल पाती है, जहां एड्स से संबंधित 51 प्रतिशत मौतें होती हैं.
• दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में वर्ष 2005 से वर्ष 2013 के बीच एचआइवी संक्रमण के नए मामलों में आठ प्रतिशत की कमी आई, जबकि इसी दौरान प्रशांत क्षेत्र में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
• वर्ष 2005 से वर्ष 2013 के बीच भारत में एड्स के नए मामलों में 19 प्रतिशत की कमी हुई. इस अवधि के दौरान भारत में एड्स संबंधित मौतों में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
• भारत में अनुमानित यौन कर्मियों की आबादी 8 लाख 68 हजार है, जिसमें 2.8 प्रतिशत एचआइवी संक्रमित हैं.
• एशिया के कुल एचआइवी/एड्स संक्रमित लोगों का 90 प्रतिशत छः देशों- भारत, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, थाईलैंड एवं वियतनाम से संबंधित है.
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