भारत और इंडोनेशिया के बीच ‘समन्वित निगरानी’ (कोरपैट) का 26वां संस्करण अंडमान सागर में 3 अक्तूबर 2015 को शुरू हुआ. 3 अक्तूबर से 21 अक्तूबर के बीच होने वाले कोरपैट के विस्तृत प्रारूप में दोनों देशों के बीच पहले द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास को भी जोड़ा गया.
भारत और इण्डोनेशिया के बीच होने वाला यह पहला द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास 17 से 18 अक्तूबर को अंडमान के समुद्री क्षेत्र में प्रस्तावित है.
समन्वित निगरानी’ (कोरपैट) के 26वें संस्करण में भागीदार
भारत - आईएनएस सरयू, नौसेना की अण्डमान एवं निकोबार कमान में तैनात स्वदेशी नौसैनिक अपतट गश्ती जहाज़ (एनओपीवी), समुद्री निगरानी वायुयान डोर्नियर
इंडोनेशिया- इंडोनेशियाई नौसेना
‘समन्वित निगरानी’ (कोरपैट)
रणनीतिक साझेदारी की व्यापक परिधी के अंतर्गत दोनों नौसेनाएं 2002 से ही वर्ष में दो बार ‘समन्वित निगरानी’ (कोरपैट) और ‘अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक सीमा रेखा’ (आईएमबीएल) को कार्यान्वित कर रही हैं. इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र को वाणिज्यिक नौपरिवहन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित बनाए रखना है.
भारत और इण्डोनेशिया के सैन्य समूहों के बीच आदान-प्रदान और नियमित होने वाली साझा गतिविधियों से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध निरंतर मज़बूत हो रहे हैं. ‘समन्वित निगरानी’ (कोरपैट) से दोनों नौसेनाओं के बीच परस्पर समझ एवं अंतरसक्रियता मज़बूत हुई है. इसके साथ ही इससे ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में शामिल जहाज़ों पर अभियोग चलाने और जांच एवं राहत समेत प्रदूषण नियंत्रण की युक्तियां भी संस्थापित हुई हैं.
भारत-इण्डोनेशिया द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास
भारत और इण्डोनेशिया के बीच पहला द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास प्रस्तावित होने और इस वर्ष कोरपैट का छब्बीसवां संस्करण आयोजित होने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी की महत्ता बढ़ गई है. द्विपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास और कोरपैट में दोनों पक्षों की ओर से एक-एक युद्धपोत एवं सामुद्रिक निगरानी वायुयान की सहभागिता होगी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation