भारत और नेपाल ने 22 दिसंबर 2013 को वाणिज्य और पारगमन संबंधी दोनों देशों की चिंताओं को दूर करने पर सहमति जताई जिसमें सीमा–शुल्क संबंधी बाधाएं और अवैध व्यापार की जांच भी शामिल है. फैसला काठमांडू में दो दिनों तक चलने वाली अंतर– सरकारी समिति की बैठक के दौरान किया गया था.
दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दोनों देशों के वाणिज्य सचिव– भारत के एस आर राव और नेपाल के माधव प्रसाद रेग्मी, कर रहे थे.
भारत और नेपाल ने 14 सूत्री एजेंडे पर सहमति जताई जिसमें व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने औऱ दोनों देशों के निजी क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं को हल करना शामिला है. नए पहचान किए गए सीमा शुल्क क्षेत्र में बुनियादी ढ़ाचे के निर्माण के लिए तीसरे देश के आयात और निर्यात की सुविधाको बढ़ाने के लिए संस्थागत व्यवस्था भी की जाएगी. भारत दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग को देखते हुए नेपाल को 10000 गाएं देने को भी राजी हो गया है.
भारत ने दोनों देशों के लिए व्यापार संतुलन की आवश्यकता को पहचाना है. दोनों पक्षों ने सेवाओं के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सामान के व्यापार की तरफ ध्यान दिया और व्यापार संतुन के लिए निवेश की जरूरत समझी. दोनों ही पक्षों महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने में सक्षम थे. भारत नेपाल को उसके व्यापार घाटे को कम करने भी मदद करेगा.
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