भारत और पुर्तगाल के मध्य एक सामाजिक सुरक्षा संधि 4 मार्च 2013 को की गई. प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि और पुर्तगाल के विदेश राज्य मंत्री पाउलो स्कादुरा कब्राल पोर्तास ने नई दिल्ली में सामाजिक सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए. 75 हजार भारतीय पुर्तगाल में रह रहे हैं, जिसमें से अधिकतर पेशेवर और स्वयं रोजगार के रूप में कार्यरत हैं. द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा संधि भविष्य की आवश्यकताओं की दृष्टि से उभरते हुए रोजगार अवसरों का लाभ लेने के लिए और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को आगे मजबूत करने के लिए महत्त्वपूर्ण है.
भारत और पुर्तगाल गणराज्य के मध्य सामाजिक सुरक्षा संधि से पुर्तगाल में कार्यरत भारतीय नागरिकों को प्राप्त होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:
• पुर्तगाल कानून के तहत पांच वर्ष तक के कम समय वाले अनुबंध पर कार्यरत व्यक्ति को काम से अलग किए जाने पर कोई सामाजिक सुरक्षा अंशदान भुगतान करने की आवश्यगकता नहीं है और उसके द्वारा सामाजिक सुरक्षा भुगतान को भारत में जारी रखा जाना है.
• उपरोक्त लाभ तब भी प्राप्त होने हैं, जब भारतीय कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी को किसी तीसरे देश से पुर्तगाल गणराज्य में भेजा जाना है.
• भारतीय मजदूर सामाजिक सुरक्षा लाभ निर्यात किए जाने के पात्र होने चाहिए, यदि वह पुर्तगाल गणराज्य में अपनी सेवाएं पूरी करने के बाद भारत में पुनर्स्थापित होते हैं.
• पुर्तगाल गणराज्य में स्वयं रोजगार में संलग्न भारतीयों द्वारा भी भारत में पुनर्स्थापित होने पर सामाजिक सुरक्षा लाभों के निर्यात के पात्र है.
• सामाजिक सुरक्षा लाभों की पात्रता के निर्धारण के लिए एक अनुबंध अवस्था में योगदान के काल को दूसरी अनुबंध अवस्था के योगदान काल में जोड़े जाने का प्रावधान है.
विदित हो कि भारत ने 17 देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें बैल्जियम, जर्मनी(सामाजिक बीमा), स्विटजरलैंड, फ्रांस, लक्जबर्ग, नीदरलैंड, हंगरी, डेनमार्क, चैक गणराज्य, कोरिया गणराज्य, नॉर्वे, जर्मनी (समग्र सामाजिक सुरक्षा संधि), फिनलैंड, कनाडा, जापान, स्वीडन और आस्ट्रिया शामिल हैं.
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